भारत बना रहा ऐसी मिसाइल, जो पलक झपकते ही टारगेट को कर देगी नेस्तनाबूद, पाकिस्तान के लाहौर, कराची आ जाएंगे जद में; जानें खासियत

by Carbonmedia
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DRDO Developing Rudram Missile: भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने एक महत्वाकांक्षी मिसाइल डेवलेपमेंट प्रोग्राम शुरू किया है, जो रुद्रम मिसाइल सीरीज के जरिए देश की हवा से सतह पर मार करने वाली क्षमताओं में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है. रुद्रम-2, रुद्रम-3 और रुद्रम-4 मिसाइलें हाइपरसोनिक और सुपरसोनिक हथियारों को दुश्मन के रडार प्रतिष्ठानों को बेअसर करने और सटीक जमीनी हमले करने के लिए डिजाइन किया गया है.
ये स्वदेशी सिस्टम भारतीय सशस्त्र बलों को स्टैंड-ऑफ स्ट्राइक क्षमताएं देने के लिए रणनीतिक रूप से तैनात हैं, जो सामरिक लचीलेपन को बनाए रखते हुए भारी सुरक्षा वाले हवाई क्षेत्र में घुस सकती हैं. डेपलेपमेंट की टाइमलाइन से संकेत मिलता है कि तीनों संस्करण अगले 3-4 सालों में तैयार हो जाएंगे, जो एडवांस वीपन सिस्टम में आत्मनिर्भरता में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर होगा.
रूद्रम-2 ने सफलापूर्वक पूरी की टेस्टिंग
रुद्रम-II ने सबसे एडवांस डेवलेपमेंट स्टेटस हासिल कर लिया है, जिसने मई 2024 में ओडिशा के तट पर सुखोई-30MKI विमान से सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण पूरा कर लिया है. इससे मिसाइल को भारतीय वायुसेना में शामिल करने की संभावना बढ़ गई है. सफल परीक्षण से पता चलता है कि रुद्रम-II विकासात्मक चरणों से सत्यापन तक पहुंच गया है, जिससे यह तीनों वैरिएंट में से वास्तविक तैनाती के सबसे करीब पहुंच गया है.
रूद्रम-3 फैब्रीकेशन फेस में पहुंची
रुद्रम-III निर्माण चरण में प्रवेश कर चुका है, डीआरडीओ ने अपनी पहले की सफलता के बाद इस ज्याद एडवांस वैरियंट पर ध्यान केंद्रित किया है. अमेया प्रिसिजन इंजीनियर्स ने एम्पटी पीसीबी वारहेड असेंबली की सप्लाई के लिए कॉन्ट्रेक्ट किया है, जिसकी डिलीवरी 2024 के आखिरी तक होने की उम्मीद है. रुद्रम-III के लिए कैप्टिव उड़ान परीक्षण अगले साल शुरू होने वाले हैं. ये समयसीमा दिखाती है कि रुद्रम-III संभवतः 2026-2027 तक ऑरेशनल स्टेटस हासिल कर लेगा.
रुद्रम-4 इस साल के अंत तक विकसित होगी
रुद्रम-IV इस फैमिली में सबसे नया मेंबर है, जिसके डेवलेपमेंट वर्क की शुरुआत 2025 तक होने की खबर है. शुरुआती स्पेशिफिकेशन्स से संकेत मिलता है कि इस वैरियंट में 300 किलोमीटर से ज्यादा की विस्तारित रेंज क्षमताएं होंगी. हालांकि हाल की रिपोर्टों से पता चलता है कि मिसाइल सबसोनिक क्रूज मिसाइल के रूप में 1000 किलोमीटर से ज्यादा की रेंज हासिल कर सकती है.
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