देश में हवाई यात्रा की सुरक्षा को लेकर एक अहम जानकारी सामने आई है. राज्यसभा में पूछे गए सवाल के जवाब में नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने बताया कि वर्ष 2021 से जून 2025 तक देश में विमानों में तकनीकी खराबियों के कुल 2094 मामलों की जांच की गई है.
यह जानकारी राज्यसभा सांसद मुकुल बालकृष्ण वासनिक के सवाल पर दी गई, जिसमें उन्होंने विमानों में रिपोर्ट की गई खराबियों, की गई जांचों और DGCA द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी मांगी थी.
पिछले 5 वर्षों में कितनी रही तकनीकी खराबियों की संख्या ? DGCA की तरफ से उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में रिपोर्ट की गई तकनीकी खराबियों की संख्या 2021 में 514, 2022 में 528, 2023 में 448, 2024 में 421 और 2025 जून तक 183 मामले सामने आए हैं. DGCA ने बताया कि यदि किसी एयरलाइन द्वारा इन खराबियों को रिकॉर्ड नहीं किया जाता तो DGCA ऑडिट के दौरान ऐसी अनियमितताओं की पहचान कर जांच शुरू करता है और आवश्यक कार्रवाई करता है.
DGCA के अनुसार, सभी विमान कंपनियों के लिए यह अनिवार्य है कि वे अपने विमानों में पाई गई किसी भी तरह की खराबी, चाहे वह फ्लाइट क्रू द्वारा रिपोर्ट की गई हो या मेंटेनेंस क्रू द्वारा देखी गई हो को रिकॉर्ड करें, जांचें और सुधारात्मक कार्रवाई करें. यदि कोई खराबी गंभीर होती है तो उसकी तुरंत रिपोर्ट DGCA को देना अनिवार्य है.
यात्री शिकायतों की स्थितिविमान यात्रियों द्वारा दर्ज कराई गई शिकायतों की भी जानकारी दी गई है. वर्ष 2021 में 4131, 2022 में 3783, 2023 में 5513, 2024 में 4016 और 2025 जून तक 3925 शिकायतें की गई हैं. इन शिकायतों में मुख्य रूप से सेवा में देरी, रद्द की गई उड़ानें, रिफंड में देरी, खराब व्यवहार और सामान की क्षति शामिल हैं.
DGCA ने यह भी बताया कि भारत की विमानन सुरक्षा नीतियां अंतरराष्ट्रीय मानकों जैसे कि ICAO (International Civil Aviation Organisation) और EASA (European Union Aviation Safety Agency) के अनुरूप बनाई गई हैं और नियमित रूप से अपडेट की जाती हैं.
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