भारत में टिकटॉक पर बैन हटाने का कोई प्लान नहीं:IT मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने यह बात कही, 2020 में एप पर बैन लगा था

by Carbonmedia
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IT मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारत में पॉपुलर शॉर्ट वीडियो एप टिकटॉक पर लगा बैन हटाने का कोई प्लान नहीं है। मनीकंट्रोल को दिए एक इंटरव्यू में अश्विनी वैष्णव ने यह बात कही है। अश्विनी वैष्णव ने कहा, ‘टिकटॉक के बैन को हटाने को लेकर किसी भी तरह का कोई प्रस्ताव नहीं आया है।’ IT मिनिस्टर का यह बयान तब आया जब हाल ही में भारत और चीन के बीच संबंधों में कुछ सुधार की अटकलों के बीच टिकटॉक के भारत में वापसी की चर्चा हो रही थी। पिछले महीने टिकटॉक की वेबसाइट कुछ ब्रॉडबैंड और मोबाइल नेटवर्क जैसे एयरटेल और वोडाफोन पर थोड़े समय के लिए एक्सेस हो गई थीं। जिससे ये कयास लगाए जा रहे थे कि भारत में टिकटॉक से बैन हट सकता है। लेकिन सरकार ने साफ कर दिया है कि बैन हटाने का कोई प्लान नहीं है। 2020 में लगा था बैन भारत सरकार ने जून 2020 में नेशनल सिक्योरिटी का हवाला देते हुए टिकटॉक समेत 59 चीनी एप्स पर बैन लगा दिया था। इसके बाद जनवरी 2021 में टिकटॉक पर यह बैन परमानेंट कर दिया गया। उस समय भारत टिकटॉक का सबसे बड़ा मार्केट था, जहां इसके 20 करोड़ से ज्यादा यूजर्स थे। सरकार के आदेश के बाद एपल और गूगल ने अपने एप स्टोर्स से टिकटॉक को हटा दिया था। टिकटॉक के अलावा बाइटडांस (टिकटॉक की मालिक चीनी कंपनी) के अन्य एप्स जैसे हेलो और कैपकट भी जून 2020 में बैन किए गए थे। जनवरी 2024 में मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बाइटडांस ने भारत में अपनी म्यूजिक स्ट्रीमिंग सर्विस रेसो को भी बंद कर दिया था, जब इसे गूगल प्ले और एपल एप स्टोर से हटाया गया। ये 59 चाइनीज एप भारत में बैन चीन के निवेश पर क्या बोले मंत्री? अश्विनी वैष्णव से पूछा गया कि क्या चीनी निवेशक भारत के टेक सेक्टर में वापसी कर सकते हैं? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘देखते हैं, जैसा होगा वैसा होगा।’ उन्होंने आगे कहा कि भारत एक पारदर्शी देश है और पॉलिसियां सभी के साथ स्पष्ट रूप से साझा की जाएंगी। 2020 तक चीनी कंपनियां जैसे टेनसेंट, अलीबाबा और शुनवेई कैपिटल भारतीय स्टार्टअप्स में अरबों रुपए का निवेश कर चुकी थीं। ये निवेश ई-कॉमर्स, फिनटेक, फूड डिलीवरी, मोबिलिटी, डिजिटल कंटेंट और एडटेक जैसे सेक्टरों में थे। हालांकि, अप्रैल 2020 में सरकार ने FDI पॉलिसी को सख्त कर दिया था, जिसके तहत भारत से सटी सीमा वाले देशों (जैसे चीन) से निवेश के लिए पहले मंजूरी लेना जरूरी हो गया। इससे चीनी निवेश लगभग रुक गया और कई भारतीय स्टार्टअप्स को अपने चीनी निवेशकों की हिस्सेदारी कम करनी पड़ी या उन्हें बाहर का रास्ता दिखाना पड़ा। सेमीकंडक्टर-इलेक्ट्रॉनिक्स में पार्टनरशिप? भारत और चीन के बीच सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग या इलेक्ट्रॉनिक्स सप्लाई चेन में पार्टनरशिप के सवाल पर वैष्णव ने कहा कि सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में ग्लोबल वैल्यू चेन एक नेचुरल हिस्सा है। उन्होंने कहा, ‘हम इस इंडस्ट्री के काम करने के तरीके का सम्मान करते हैं। जहां भी वैल्यू जोड़ी जाती है, उसका फायदा हमारे लोगों और इंडस्ट्री को मिलना चाहिए।’ पिछले हफ्ते मनीकंट्रोल ने बताया था कि भारत और चीन की कंपनियां इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में जॉइंट वेंचर और टेक्नोलॉजी पार्टनरशिप पर बातचीत तेज कर रही हैं। यह दोनों देशों की सरकारों के बीच बढ़ते सहयोग और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के टैरिफ के कारण ग्लोबल सप्लाई चेन पर पड़ रहे दबाव के बीच हो रहा है। ज्यादातर पार्टनरशिप इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट्स के सेक्टर में हैं, जहां भारतीय मेकर्स चीनी कंपनियों के साथ टेक्नोलॉजी, स्केल और लागत में फायदा लेने की कोशिश कर रहे हैं। ये खबर भी पढ़ें… टिक-टॉक के भारत में फिर से शुरू होने की अटकले: गुरुग्राम ऑफिस के लिए जॉब ओपनिंग निकाली; 2020 से देश में बैन है चीनी एप पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर एक सवाल बार-बार उठ रहा है- क्या टिकटॉक भारत में वापसी करने वाला है? भारत ने 2020 में इस चीनी एप पर पाबंदी लगा दी थी। ऐसा इसलिए क्योंकि शॉर्ट वीडियो एप टिकटॉक को ऑपरेट करने वाली चीनी कंपनी बाइट डांस ने गुरुग्राम ऑफिस के लिए लिंक्डइन पर दो जॉब ओपनिंग पोस्ट की है। ये खबर भी पढ़ें… टिकटॉक वेबसाइट भारत में 5 साल बाद अनब्लॉक: होमपेज तक एक्सेस, शॉपिंग साइट अलीएक्सप्रेस और शीन भी शुरू; इन पर 2020 से बैन था चाइनीज शॉर्ट वीडियो शेयरिंग प्लेटफॉर्म टिकटॉक (TikTok) की वेबसाइट शुक्रवार शाम से भारत में 5 साल बाद अनब्लॉक हुई है। साथ ही ऑनलाइन शॉपिंग साइट अलीएक्सप्रेस (Aliexpress) और शीन (Shein) का वेब पेज भी ओपन हो रहा है। साल 2020 में भारत-चीन के बीच रिश्तों में तनाव के चलते इन पर बैन लगा था। ये खबर भी पढ़ें…

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