प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार (13 सितंबर, 2025) को मणिपुर में विभिन्न संगठनों से हिंसा छोड़ने का आग्रह करते हुए कहा कि उनकी सरकार राज्य के लोगों के साथ है और इसे शांति व समृद्धि का प्रतीक बनाना चाहती है.
मई 2023 में जातीय हिंसा भड़कने के बाद राज्य की अपनी पहली यात्रा के दौरान कुकी बहुल चूड़ाचांदपुर जिले में जनसभा को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि शांति के लिए केंद्र सरकार के निरंतर प्रयासों से दोनों युद्धरत पक्षों के बीच बातचीत हुई.
समूहों और संगठनों से शांति का मार्ग चुनने की अपील
उन्होंने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि यहां हिंसा हुई. आज, मैं आपसे वादा करना चाहता हूं कि भारत सरकार आपके साथ है और मैं आपके साथ हूं. मैं सभी समूहों और संगठनों से शांति का मार्ग चुनने की अपील करता हूं.’ प्रधानमंत्री ने कहा कि विकास के लिए शांति सर्वोपरि है और केंद्र सरकार इसे प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य में रेलवे और सड़क संपर्क परियोजनाओं के लिए बजट आवंटन में वृद्धि की है. साल 2014 से, मैंने मणिपुर में संपर्क सुधारने पर विशेष जोर दिया है. भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन जाएगा और मैं यह सुनिश्चित करना चाहता हूं कि विकास का लाभ देश के हर कोने तक पहुंचे.
7,300 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का अनावरण
मणिपुर को साहस और वीरता की भूमि बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इंफाल से सड़क मार्ग के जरिये चूड़ाचांदपुर जाते समय उन्हें मिले प्यार को वह कभी नहीं भूल सकते. उन्होंने कहा, ‘मैंने विस्थापित लोगों से बात की और मैं कह सकता हूं कि मणिपुर एक नए सवेरे की ओर देख रहा है. लोगों ने शांति का मार्ग चुना है.’
मोदी ने कहा कि जिन परियोजनाओं का उन्होंने यहां उद्घाटन किया है, वे बुनियादी ढांचे और स्वास्थ्य सेवा के मामले में लोगों के जीवन को बेहतर बनाएंगी. उन्होंने कहा, ‘कुछ ही समय पहले, इसी मंच से, 7,300 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का अनावरण किया गया. ये परियोजनाएं मणिपुर के लोगों, विशेषकर पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासी समुदायों के जीवन को और बेहतर बनाएंगी.’
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