अमृतसर| माधव विद्या निकेतन में पंचनद अध्ययन केंद्र द्वारा ‘वर्तमान अंतरराष्ट्रीय राजनीति में भारतीय कूटनीति’ विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की प्रोफेसर आयुषी केतकर मुख्य वक्ता थीं। प्रोफेसर केतकर ने कहा कि आज दुनिया में जहां बड़ी ताकतें बल प्रयोग कर रही हैं, वहीं भारत एक ‘सौम्य शक्ति’ के रूप में अपनी नीतियों और मूल्यों से दूसरे देशों को आकर्षित कर रहा है। उन्होंने कहा कि “वसुधैव कुटुम्बकम्’ के सिद्धांत पर चलते हुए भारत ने कोविड संकट, सुनामी और भूकंप जैसी आपदाओं में छोटे-बड़े सभी देशों की मदद की है, जिससे वैश्विक स्तर पर भारत का सम्मान बढ़ा है। उन्होंने भारतीय कूटनीति की सफलता का जिक्र करते हुए कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान 2500 भारतीय छात्रों को सुरक्षित निकालना एक उत्कृष्ट उदाहरण है। उन्होंने कहा कि आज भारत एक स्वर्ण सिंह बनने की ओर अग्रसर है, जो अपनी ‘सौम्य शक्ति’ के दम पर दुनिया में अपनी पहचान बना रहा है। सेमिनार में डॉ. विनय कपूर मेहरा, डॉ. भीमसेन, डॉ. लक्की शर्मा, सीए पदम धवन, डॉ अरुण मेहरा, डॉ. केआर तुली, डॉ. नूरीन महाजन, डॉ. जसविंदर ढिल्लों, रमा महाजन, कर्नल अरविन्द ठाकुर, दीप्ती खन्ना, रमा मेहरा आदि मौजूद थे।
भारत ‘सौम्य शक्ति’ आधारित कूटनीति से विश्वशक्ति की ओर अग्रसर: प्रो. आयुषी
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