भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर को लेकर अमेरिका के दावों को भारतीय विदेश मंत्रालय कई बार खारिज कर चुका है. इसके बावजूद डोनाल्ड ट्रंप और उनका प्रशासन खुद को क्रेडिट देने में लगा हुआ है. भारत ने गुरुवार (29 मई 2025) को एक बार फिर साफ किया कि सीजफायर के लिए किसी भी चर्चा में व्यापार या टैरिफ का मुद्दा नहीं उठा था. विदेश मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया है कि गोलीबारी बंद करने का फैसला भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ के बीच सीधे संपर्क के माध्यम से लिया गया था.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “जहां तक पाकिस्तान के साथ हमारे संबंधों का सवाल है, हमारा रुख स्पष्ट है. कोई भी संबंध द्विपक्षीय होना चाहिए. हम दोहराना चाहेंगे कि आतंकवाद और वार्ता एक साथ नहीं चल सकते. उन्हें भारत को उन कुख्यात आतंकवादियों को सौंपना होगा, जिनके रिकॉर्ड और सूची हमने कुछ साल पहले उन्हें सौंपी थी. जम्मू-कश्मीर पर वार्ता तभी होगी जब पीओके खाली हो जाएगा और जब पाकिस्तान हमें यह क्षेत्र सौंप देगा.”
विदेश मंत्रालय ने कहा, “जहां तक सिंधु जल संधि का सवाल है, यह तब तक स्थगित रहेगी जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को अपना समर्थन विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से त्याग नहीं देता. जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं आतंक और वार्ता एक साथ नहीं चल सकते वैसे ही आतंक और व्यापार एक साथ नहीं चल सकते.”
(ये स्टोरी अपडेट की जा रही है…)