UP News: ग्रेटर नोएडा के तिलपता गांव में जलभराव, जाम और विकास कार्यों की अनदेखी जैसी समस्याओं को लेकर भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में एक विशाल महापंचायत का आयोजन किया गया. इस महापंचायत में हज़ारों की संख्या में किसान शामिल हुए, जिससे पूरे क्षेत्र में स्थिति को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने एहतियातन भारी पुलिस बल तैनात कर दिया.
महापंचायत को संबोधित करते हुए संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष बलराज भाटी ने कहा कि तिलपता गांव ग्रेटर नोएडा का एक ऐतिहासिक गांव है, लेकिन इसके मुख्य मार्ग पर जलभराव, भारी ट्रैफिक जाम और अव्यवस्थित ट्रकों व कंटेनरों के आवागमन ने ग्रामीणों का जीवन दूभर कर दिया है. उन्होंने आरोप लगाया कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण व जिला प्रशासन को कई बार ज्ञापन देने के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है.
प्राधिकरण को चेतावनी
बलराज भाटी ने चेतावनी दी कि यदि प्राधिकरण ने किसानों की वर्षों से लंबित मांगों जैसे 10% भूखंड वितरण, आबादी निस्तारण, 2013 के अधिनियम के तहत चार गुना मुआवजा और गांवों के समग्र विकास जैसे मुद्दों का शीघ्र समाधान नहीं किया, तो प्राधिकरण को बड़े आंदोलन के लिए तैयार रहना होगा.
यमुना प्राधिकरण किसानों के लिए अभिशाप: रेखा सिवाल
महिला विंग की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं संयोजक रेखा सिवाल ने भी महापंचायत में तीखा भाषण दिया. उन्होंने कहा कि नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना विकास प्राधिकरण किसानों के लिए अभिशाप बन गए हैं. किसान वर्षों से अपने हक के लिए चक्कर काट रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती. उन्होंने जनप्रतिनिधियों पर भी निशाना साधा और कहा कि कुछ नेता किसानों की समस्याओं को हल कराने की बजाय अपने स्वार्थ में अंधे हो जाते हैं और जब किसान अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ते हैं, तो वे उन्हें कमजोर करने का प्रयास करते हैं.
नहीं पहुंचा कोई अधिकारी
प्राधिकरण की ओर से जब कोई भी अधिकारी शुरुआत में महापंचायत में नहीं पहुंचा, तो संगठन ने इसे अनिश्चितकालीन धरने में तब्दील करने का ऐलान कर दिया और मुख्य मार्ग पर भारी वाहनों के आवागमन को रोकने की चेतावनी दी. इससे हरकत में आए प्राधिकरण के ओएसडी जितेंद्र गौतम, सीनियर मैनेजर राजेश कुमार, एसीपी सेन्ट्रल वी.एस. वीर और सूरजपुर थाना प्रभारी विनोद कुमार मौके पर पहुंचे और किसानों से बिंदुवार वार्ता की.
दस दिन में सम्स्यओंके निस्तारण की मांग
प्रशासन ने किसानों से 10 दिन का समय मांगा और सभी समस्याओं का समाधान करने का भरोसा दिलाया. यदि तय समय में समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, तो 11वें दिन से तिलपता मुख्य मार्ग पर अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन किया जाएगा.इस महापंचायत में सैकड़ों की संख्या में किसान मौजूद रहे और एकजुटता के साथ अपने अधिकारों के लिए आवाज बुलंद की. अब सभी की नजरें प्रशासन द्वारा किए गए वादों पर टिकी हैं.