Maharashtra News: महाराष्ट्र में पहली क्लास से अनिवार्य रूप से हिंदी थोपने के आदेश के खिलाफ रविवार (29 जून) को मुंबई के आजाद मैदान से आंदोलन का बिगुल बजाया गया. शिवसेना (ठाकरे गुट) की ओर से महायुती सरकार की ओर से जारी हिंदी अनिवार्यता के सरकारी आदेश (जीआर) की प्रतीकात्मक होली जलाई गई. शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे की उपस्थिति में यह सांकेतिक विरोध प्रदर्शन हुआ.
इस मौके पर महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल, मनसे नेता नितिन सरदेसाई, विधायक आदित्य ठाकरे, संजय राउत, सांसद अरविंद सावंत, अनिल देसाई, सुभाष देसाई, संतोष शिंदे, अभिनेता हेमंत ढोमे और कांग्रेस प्रवक्ता युवराज मोहिते भी मौजूद थे. उद्धव ठाकरे ने इस दौरान कहा “हम सब गुलाम नहीं हुए हैं.” मराठी अभ्यास केंद्र और समान विचारधारा वाले संगठनों की ओर से भी हिंदी अनिवार्यता के आदेश की होली जलाई गई.
5 जुलाई को महा-भव्य मोर्चा- उद्धव ठाकरे
शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि 5 जुलाई को निकलने वाला मोर्चा ‘महा भव्य मोर्चा’ होगा. उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा था कि मोर्चा निकालने जैसी नौबत नहीं आने देंगे और इससे पहले ही समाधान निकाला जाएगा. इस पर उद्धव ठाकरे ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “यह अच्छी बात है कि अभी भी सब लोग गुलाम नहीं हुए हैं लेकिन आखिर यह जिद किसकी है, यह कोई नहीं बता रहा है.” ठाकरे ने साफ कहा, “हमने जीआर (सरकारी आदेश) की होली जलाई है, इसका मतलब ही है कि हम उसे स्वीकार नहीं करते.”
राज्यभर में सांकेतिक आंदोलन
मुंबई के आज़ाद मैदान में जैसे जीआर की होली जलाई गई, वैसे ही राज्यभर में मराठी समर्थक संगठनों की ओर से हिंदी की अनिवार्यता के विरोध में जीआर की प्रतीकात्मक होली जलाई गई. आंदोलनकारियों ने स्पष्ट किया कि उन्हें हिंदी से नहीं, बल्कि हिंदी थोपने की जबरदस्ती से आपत्ति है. नासिक, पुणे और मुंबई सहित राज्य के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए.
दूसरी ओर, बीजेपी की तरफ से भी विरोध स्वरूप एक प्रतीकात्मक आंदोलन किया गया. मुंबई में बीजेपी विधायक राम कदम ने उद्धव ठाकरे की शिवसेना के खिलाफ आंदोलन किया.
भाषा विवाद पर बोले उद्धव ठाकरे, ‘अभी भी हम सब गुलाम…’ MVA नेताओं ने सरकारी आदेश की जलाई सांकेतिक होली
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