भिवानी के मंदिरों में सावन के अंतिम सोमवार भीड़:लगी लंबी कतारें, श्रद्धालुओं ने शिवलिंग पर चढ़ाया जल, परिवार के सुख समृद्धि की मांगी दुआ

by Carbonmedia
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सावन के अंतिम सोमवार को छोटी काशी भिवानी के शिव मंदिरों व शिवालयों में श्रद्धालुओं की अच्छी भीड़ देखने को मिली। सुबह से ही श्रद्धालु मंदिरों में पहुंचे। जहां श्रद्धालुओं की लंबी कतारें भी लगी रहीं। श्रद्धालुओं ने हर-हर महादेव के जयकारे के साथ भगवान शिव का जलाभिषेक किया। भिवानी के सिद्धस्थल जोगीवाला शिव मंदिर के महंत वेदनाथ महाराज ने कहा कि सावन महीना भगवान शिव का प्रिय है, सावन के अंतिम सोमवार को मंदिर विशेष रूप से विभिन्न प्रकार के सुगंधित फूलों से सजाया गया। सुबह के समय शंख बजाने के बाद महाआरती हुई। सावन में श्रद्धालुओं का विशेष उत्साह दिखाई दे रहा है। दूर-दराज से आए भक्तों ने गंगाजल, बेलपत्र, धतूरा, भांग और फूल अर्पित किए। मंदिर परिसर में सुबह से भजन-कीर्तन की धुन गूंज रही। भक्तों की सुविधा के लिए सुरक्षा और स्वच्छता की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि सावन के सोमवार का शिव भक्तों में विशेष महत्व है। रुद्राभिषेक किया
महंत वेदनाथ महाराज ने कहा कि सावन में रुद्राभिषेक करना अत्यंत शुभ और लाभकारी माना जाता है। रुद्राभिषेक के दौरान भगवान शिव के शिवलिंग पर जल, दूध, घी, शहद, और गंगाजल आदि से पूजा की जाती है। इस अनुष्ठान से शिवजी प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। उन्होंने बताया कि यह परंपरा सावन के हर सोमवार को विशेष रूप से की जाती है, क्योंकि इस दिन शिव की पूजा करने से अत्यधिक पुण्य फल प्राप्त होता है। इन शुभ तिथियों पर विशेष रूप से रुद्राभिषेक करने से जीवन की सभी परेशानियां दूर होती हैं। इसके अलावा सावन की पूर्णिमा और प्रदोष व्रत के दिन भी रुद्राभिषेक का बहुत महत्व होता है। इस पवित्र अनुष्ठान को ब्राह्मण द्वारा विधिपूर्वक करवाना श्रेष्ठ माना जाता है। लेकिन घर पर भी ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करते हुए श्रद्धा और भक्ति से अभिषेक करना अत्यंत फलदायक होता है। इससे भगवान शिव की विशेष कृपा बनी रहती है और भक्तों के जीवन में खुशहाली आती है।

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