भिवानी में CPIM पार्टी ने बिजली की दरों में की गई बढ़ोतरी के खिलाफ एक्सईएन कार्यालय में प्रदर्शन किया और ज्ञापन सौंपा। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा आए दिनों बढ़ते बिजली के बिल जनता पर कुठाराघात। जिसके चलते आमजन एवं हर वर्ग काफी आहत हैं। CPIM पार्टी के जिला सचिव कामरेड ओमप्रकाश, रिटायर्ड एक्सईएन एसके सिंगला व रिटायर्ड कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष मास्टर वजीर सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार को चाहिए कि बढ़ाई गई बिजली की दरों में कमी करके राहत प्रदान करे। उन्होंने सरकार से बिजली की दरों में चुपचाप बढ़ोतरी को वापस लेने की मांग उठाई। उनका कहना है कि भाजपा ने एक ही झटके में बिजली को चार गुणा तक महंगा कर दिया। जिन आम परिवारों को लंबे-लंबे बिजली के बिल देने पड़ते हैं, जनता को अब 4 से 5 हजार रुपए बिल थमाया जा रहा है। डबल मार झेल रहे लोग
उन्होंने कहा कि एक तरफ गर्मी का कहर तो दूसरी तरफ बिजली के कई घंटे के कट और दूसरी तरफ महंगाई की मार झेलनी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि आज जनमानस बिजली, पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं मिलने, बिजली की दरें महंगी होने के चलते भारी भरकम बिल की समस्या से जूझ रहे हैं। निगम ने 75 रुपए प्रति किलोवाट फिक्स चार्ज भी इसमें जोड़ दिया है। यानी 10 किलोवाट ने कनेक्शन पर अब हर महीने 750 रुपए अतिरिक्त देने पड़ रहे हैं। पहले दरें स्लैब वार थी। यानी 50 यूनिट या इससे ज्यादा इस्तेमाल पर 2.50 रुपए से 6.30 रुपए प्रति यूनिट खर्च होता था। अब 5 किलोवाट से अधिक लोड होने पर साढ़े 6 से साढ़े 7 रुपए प्रति यूनिट वसूला जा रहा है। अलग से स्लैब वाइज बिजली के दामों में भी 20 से लेकर 40 पैसे प्रति यूनिट तक बढ़ोतरी हुई है। बढ़ी हुई बिजली की दरों को वापस ले सरकार
उन्होंने कहा कि बिजली की बढ़ी दरें पहली अप्रैल से चुपचाप लागू कर दी गई हैं। मौजूदा सरकार में एक भी बिजली यूनिट उत्पादन का काम नहीं किया गया। बावजूद इसके यह सरकार 10 साल से बिजली की दरों में बढ़ोतरी करती जा रही है। उन्होंने कहा कि आम जनमानस एवं हर वर्ग में बिजली की दरों में की गई बढ़ोतरी के कारण काफी रोष है। इसलिए प्रदेश सरकार को जनहित में इस बढ़ोतरी को वापिस लेना चाहिए।
भिवानी में बढ़ी बिजली की दरों को लेकर प्रदर्शन:सरकार के खिलाफ नारेबाजी, एक्सईएन को सौंपा ज्ञापन, बोले- वापस ले सरकार
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