भिवानी स्थित चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय (CBLU) के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (आईक्यूएसी) के तत्वावधान में उच्च शिक्षण संस्थानों में गुणवत्ता आश्वासन विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला हुई। जिसका आयोजन विश्वविद्यालय के श्रीनिवास रामानुजन भवन के कांफ्रेंस हॉल में कुलपति प्रो. दीप्ति धर्माणी की अध्यक्षता में किया गया। आईक्यूएसी निदेशक एवं डीन अकादमिक अफेयर्स प्रो. दिनेश मदान ने विश्वविद्यालय में निरंतर चल रही गुणवत्ता संवर्धन गतिविधियों और आगामी (राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद ) के मूल्यांकन की तैयारियों की जानकारी दी। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, नवाचार और परिणाम आधारित शिक्षण की संस्कृति बढ़ाना आवश्यक
कुलपति प्रो. दीप्ति धर्माणी ने कहा कि नई शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, नवाचार और परिणाम-आधारित शिक्षण की संस्कृति को बढ़ावा देना अत्यंत आवश्यक है। कुलसचिव डॉ. भावना शर्मा ने गुणवत्ता सुधार पहलुओं एवं आंतरिक आत्ममूल्यांकन तंत्र को सशक्त करने पर बल दिया। कार्यशाला के तकनीकी सत्रों में तीन विशेषज्ञ वक्ताओं ने अपने-अपने विषयों पर विस्तृत व्याख्यान प्रस्तुत किए। विशेषज्ञ वक्ताओं ने दिए टिप्स
महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक के पूर्व कुलसचिव एवं आईक्यूएसी पूर्व निदेशक प्रो. गुलशन तनेजा ने “आत्म-मूल्यांकन एवं बाह्य गुणवत्ता मूल्यांकन” विषय पर व्याख्यान देते हुए बताया कि किसी भी संस्थान में वास्तविक शैक्षणिक गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सतत आत्म-मूल्यांकन और बाहरी निरीक्षण प्रणाली आवश्यक है। चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय, सिरसा के अंग्रेजी विभाग प्रो. पंकज शर्मा ने “शिक्षण में एआई की संभावनाएं” विषय पर व्याख्यान देते हुए बताया कि किस प्रकार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का उपयोग अकादमिक गुणवत्ता एवं मूल्यांकन प्रणाली को सशक्त बना सकता है। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक के आईक्यूएसी निदेशक प्रो. नरसिम्हन बी. ने राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद की नई बाइनरी प्रणाली पर व्याख्यान देते हुए नवीनतम मूल्यांकन मानदंडों, ग्रेडिंग प्रणाली एवं दस्तावेजीकरण प्रक्रियाओं की विस्तृत जानकारी दी।
भिवानी CBLU में गुणवत्ता आश्वासन विषय पर कार्यशाला:MDU व CDLU से पहुंचे विशेषज्ञ वक्ता, बोले- सतत आत्म-मूल्यांकन और बाहरी निरीक्षण प्रणाली आवश्यक
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