‘भैंस चराने वाला 30 साल, वैद्य का लड़का 20 साल और चाय बेचने वाला…’, PK ने किसी को नहीं छोड़ा

by Carbonmedia
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अपने ‘बिहार बदलाव यात्रा’ के तहत प्रशांत किशोर सोमवार को कैमुर पहुंचे, जहां जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि आपने मोदी का चेहरा देख कर वोट दिया तो चायवाला प्रधानमंत्री बन गया. लालू का चेहरा देखकर वोट दिया तो भैंस चराने वाला 30 साल से राजा बना हुआ है. नीतीश का चेहरा देखकर वोट दिया तो वैद्य का लड़का 20 साल से शासन कर रहा है, लेकिन आपने अभी तक अपने बच्चों  का चेहरा देखकर वोट नहीं दिया.
पीएम मोदी को लेकर क्या कहा?
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी बिहार के लोगों का वोट लेकर और देश भर का पैसा लेकर अपने राज्य गुजरात में फैक्ट्री लगवा रहे हैं. बिहार के युवा गुजरात जाकर उन्हीं फैक्ट्रियों में 10-12 हजार रुपये के लिए मजदूरी कर रहे हैं. प्रशांत किशोर ने जनता से अपील की कि इस बार उन्हें और उनके बच्चों को लूटने वाले नेताओं को वोट न दें. चाहे लालू हों, नीतीश हों या मोदी हों, इस बार नेताओं का चेहरा देखकर वोट न करें. इस बार अपने बच्चों के लिए वोट दें और बिहार में जनता का राज स्थापित करें.
प्रशांत किशोर ने डोमिसाइल लागू होने पर कहा कि यह लोकतंत्र की जीत है, जनता की जीत है. 20 साल में इन्होंने कुछ नहीं किया, डोमिसाइल के लिए लड़के संघर्ष कर रहे थे. अब नीतीश सरकार ने देख लिया है कि जनता ने उन्हें हटाने का मन बना लिया है, इसलिए पेंशन बढ़ा रहे हैं. डोमिसाइल लागू कर रहे हैं. अब बिहार में डोमिसाइल लागू करने से या बुजुर्गों का पेंशन 500 रुपया बढ़ाने से जनता भ्रम में आने वाली नहीं हैं. जनता ने तय कर लिया है और इस बार लालू-नीतीश का हटना निश्चित है.
उन्होंने कहा कि अभी सैकड़ों काम होने वाले हैं. बिहार से गरीबी खत्म करनी है. बेरोजगारी और पलायन दूर करना है, जब तक यह नहीं होगा, हमलोग रुकने वाले नहीं हैं. प्रशांत किशोर ने एक सवाल के जवाब में कहा कि तेजस्वी यादव कह रहे थे कि उनके पास एक भी वोटर आईडी कार्ड नहीं है. उनका नाम कट गया है. अब चुनाव आयोग बता रहा है कि उनके पास दो-दो वोटर आईडी कार्ड है, लेकिन यह मामला तेजस्वी यादव और चुनाव आयोग के बीच का है. वो लोग अपना समझेंगे. जनता को इससे कोई लेना देना नहीं है. 
उन्होंने कहा कि बिहार की जनता तो यह जानना चाहती है कि हमारे बच्चों की अच्छी पढ़ाई कब होगी. बिहार के बच्चों का पलायन कब रुकेगा. उन्होंने कहा कि इस साल बिहार की बदहाली की आखिरी दिवाली और छठ होगी. छठ के बाद चैनपुर के या मोहनिया के या कैमूर के युवाओं को 10-12 हजार रुपये की मजदूरी करने के लिए अपना घर-परिवार छोड़कर नहीं जाना पड़ेगा. बिहार भर के ऐसे 50 लाख युवाओं को वापस बुलाकर उन्हें यहीं 10-12 हजार रुपये का रोजगार दे दिया जाएगा.
बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ाएं- पीके
प्रशांत किशोर ने साथ ही जनता से बड़ा वादा करते हुए कहा कि दिसंबर 2025 से 60 साल से अधिक उम्र के हर पुरुष और महिला को 2000 रुपये मासिक पेंशन दी जाएगी. इसके साथ ही उन्होंने बड़ा ऐलान किया कि जब तक सरकारी विद्यालयों में सुधार नहीं हो जाएगा, तब तक आप अपने 15 साल से कम उम्र के बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ाएं और उनकी फीस सरकार भरेगी, ताकि गरीब का बच्चा भी अंग्रेजी मीडियम स्कूल में पढ़ सके.

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