मंडी में आज ठेकेदार ने प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में विकास कार्यों के लिए पिछले दो सालों से ठेकेदारों को लगभग 2,000 करोड़ रुपए का भुगतान नहीं मिला है। इस मुद्दे को लेकर मंडी में हिमाचल प्रदेश ठेकेदार संघ ने विरोध रैली निकाली और डीसी को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा। संघ के अध्यक्ष केशव नायक और महासचिव भूपिंदर महाजन ने बताया कि भुगतान न मिलने से ठेकेदारों के ऋण खाते एनपीए घोषित हो रहे हैं। मूलधन पर चक्रवृद्धि ब्याज लग रहा है। इससे लागत में भारी वृद्धि हुई है। ठेकेदारों का क्रेडिट स्कोर खराब हो चुका है। भविष्य में उन्हें ऋण मिलना मुश्किल हो गया है। हजारों कुशल और अकुशल मजदूरों को समय पर वेतन नहीं मिल पा रहा है। सीमेंट, स्टील, रेत-बजरी और ट्रांसपोर्ट से जुड़े व्यापारियों को भी भुगतान नहीं हो पा रहा है। इससे प्रदेश का व्यापार प्रभावित हो रहा है। विकास कार्य और रोजगार सृजन दोनों रुक गए हैं। ठेकेदार संघ ने सरकार से लंबित बिलों का एकमुश्त भुगतान करने की मांग की है। उन्होंने ई-बिल प्रणाली से 30 दिन के भीतर अनिवार्य भुगतान की व्यवस्था करने को कहा है। साथ ही कार्य प्रगति के अनुसार तिमाही अंतरिम भुगतान की मांग की है।
मंडी में ठेकेदारों का प्रदर्शन:2000 करोड़ का भुगतान नहीं मिलने से नाराज, बोले- कामगारों को सैलरी नहीं दे पा रहे
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