भास्कर न्यूज | अमृतसर बिक्रम सिंह मजीठिया की गिरफ्तारी पर जहां सूबे में सियासत गर्मा गई है वहीं कुछ टकसाली अकाली नेताओं के भी बयान सामने आए हैं। एसजीपीसी के पूर्व सदस्य गोपाल सिंह जाणियां का कहना है कि 2011 के दौरान एसजीपीसी चुनाव के दौरान उस समय के युवा नेताओं ने उन्हें दरकिनार किया था, उसकी गुरु साहिबान ने आज उन्हें सजा दी है। वहीं, टकसाली अकाली नेता करनैल सिंह पीरमोहम्मद ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल फिर से तभी पंथक पार्टी के रूप में उभर पाएगी, जब लीडरशिप पूरी तरह से सुर्खरू होकर निकलेगी। जाणियां ने बिक्रम सिंह मजीठिया को विजिलेंस ब्यूरो की ओर से गिरफ्तार किए जाने पर कहा कि 2011 में जिस तरीके से उन्हें पार्टी से बेइज्जत कर निकाला गया था, उसकी सजा अकाली नेताओं को मिल रही है। उन्होंने उस समय गुरु साहिबान से इंसाफ मांगा था, जो 14 साल के बाद उन्हें मिला है। उन्होंने बताया कि उस समय शिरोमणि अकाली दल की युवा टीम जिसका नेतृत्व सुखबीर सिंह बादल और बिक्रम सिंह मजीठिया कर रहे थे, ने मिलकर टकसाली अकाली नेताओं को हाशिए पर लाकर खड़ा कर दिया था। टकसाली अकाली नेता करनैल सिंह पीरमोहम्मद ने कहा कि जिस तरह से बिक्रमजीत सिंह मजीठिया को गिरफ्तार किया गया है, वह सही नहीं हो सकता। लेकिन इसके साथ ही शिरोमणि अकाली दल की लीडरशिप को अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को धोना पड़ेगा। यदि ऐसा होता है और अकाली दल की सारी लीडरशिप सुरखरू होती है, तभी शिरोमणि अकाली दल फिर से पंथक पार्टी होकर उभर सकेगा।
मजीठिया की गिरफ्तारी पर जाणियां बोले- गुरु महाराज से इंसाफ मांगा था जो आज मिल गया
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