मजीठिया को आज मोहाली अदालत में विजिलेंस करेगी पेश:7 दिन का रिमांड हो रहा है खत्म, हाईकोर्ट में 3 जुलाई को सुनवाई

by Carbonmedia
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नशा तस्करी से जुड़े आय से अधिक संपत्ति मामले में आज ( 2 जुलाई) को विजिलेंस ब्यूरो द्वारा सीनियर अकाली नेता और पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया को मोहाली अदालत में पेश किया जाएगा। आज उनका 7 दिन का रिमांड खत्म हो रहा है। इससे पहले, कल विजिलेंस उन्हें अमृतसर के मजीठा स्थित उनके घर और दफ्तर लेकर गई थी। इसके अलावा, पंजाब के अलावा हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और चंडीगढ़ में एकसाथ रेड की गई थी। वहीं, मजीठिया इस मामले में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है। याचिका में गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताया गया है। रिमांड ऑर्डर रद्द करने की मांग की गई है। याचिका पर सुनवाई 3 जुलाई को होगी। 7 प्वाइंट में जाने गिरफ्तारी से लेकर अब तक की कहानी – 1. विजिलेंस ब्यूरो ने 540 करोड़ रुपए ड्रग मनी से जुड़े आय से अधिक संपत्ति मामले में 25 जून की सुबह साढ़े 4 बजे केस दर्ज किया। इसके बाद राज्य के 26 स्थानों पर मजीठिया से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की गई। फिर सुबह साढ़े 11 बजे के बाद मजीठिया को अमृतसर स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया गया। इस दौरान 29 मोबाइल फोन, 5 लैपटॉप, 3 आईपैड, 2 डेस्कटॉप, 8 डायरियां और अन्य दस्तावेज बरामद करने का दावा किया। दावा किया गया कि ये मजीठिया से मिली हैं। 2. 26 जून को विजिलेंस ब्यूरो ने मजीठिया को मोहाली अदालत में पेश किया। मगर, इस दौरान विजिलेंस ने मीडिया के सामने मजीठिया को नहीं आने दिया। पहली बार 4 गेटों को बंद कर दो बजे तक आम जनता को रोका गया और मजीठिया को पेश किया गया। 3 जिलों की पुलिस वहां तैनात की। साथ ही वहां पहुंचे अकाली वर्करों को हिरासत में लिया। इस दौरान अदालत में विजिलेंस ने 12 दिन की रिमांड मांगी, लेकिन उन्हें 7 दिन की ही मिली। 3. 27 जून को इस मामले में पूर्व डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय की एंट्री हो गई। उन्होंने चंडीगढ़ स्थित पंजाब पुलिस के ऑफिस में पहुंचकर अपने बयान दर्ज करवाए। उन्होंने कहा कि 2021 में जब वह डीजीपी के पद पर तैनात थे, उस समय मजीठिया पर एनडीपीएस का केस दर्ज हुआ था। ऐसे में विजिलेंस को अपने बयान दर्ज करवाकर आया हूं, उन्हें केस की सारी हिस्ट्री बताकर आया हूं, क्योंकि यह केस उसी मामले पर आधारित है। 4. 28 जून को ईडी के पूर्व डिप्टी डायरेक्टर निरंजन सिंह ने विजिलेंस मुख्यालय पहुंचकर बयान दर्ज करवाए। उन्होंने कहा कि 2013 में जब ड्रग तस्करी से जुड़े मनी लॉन्डरिंग केस की जांच हुई थी, उस समय उन्होंने करीब 41 लोगों से पूछताछ की थी। उस समय ड्रग तस्करी केस के आरोपी जगदीश भोला और अन्य लोगों ने मजीठिया का नाम स्टेटमेंट में लिया था। मैंने सब विजिलेंस को बताया है। अब विजिलेंस यह स्टेटमेंट ईडी से मांग सकती है। 5. 29 जून को पूर्व विधायक बोनी अजनाला ने विजिलेंस ऑफिस पहुंचकर बयान दर्ज करवाए। उन्होंने कहा कि 2013 में जो पत्र उन्होंने तत्कालीन सीएम प्रकाश सिंह बादल और डीजीपी को लिखा था, उसी को बताकर आया हूं। उन्होंने दावा किया कि बिक्रम मजीठिया ने नशा तस्करी से जुड़े सत्ता और पिंडी को अपना जिगरी यार कहकर अपने घर पर उनसे मिलवाया था। इसी दिन शाम को मजीठिया के पूर्व पीए और आम आदमी पार्टी के नेता दलबीर गिल ने अपने बयान दर्ज करवाए। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी सारी जानकारी विजिलेंस को बताई है। 6. 30 जून को विजिलेंस ब्यूरो की टीमें मजीठिया को पंजाब और हिमाचल के विभिन्न स्थानों पर संदिग्ध प्रॉपर्टी की निशानदेही के लिए लेकर गई थी। विजिलेंस का आरोप है कि मजीठिया ने जांच में सहयोग नहीं किया, जिससे उन्हें मुश्किल आई है। मनिंदर सिंह उर्फ बिट्टू और जगजीत सिंह चहल ने अपने बयान दर्ज करवाए हैं। उन्होंने कहा कि 2010 तक उनके मजीठिया से अच्छे संबंध रहे हैं। वहीं, उन्होंने कहा कि ड्रग केस की भी दोबारा जांच होनी चाहिए। उधर, पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा वह भी मजीठिया के खिलाफ विजिलेंस को बयान दर्ज करवाने के लिए तैयार हैं। 7 दो तारीख को सामने आया कि अब इस मामले की जांच NCB भी करेगी। NCB ने पंजाब विजिलेंस ब्यूरो से केस बारे रिकॉर्ड मांगा है। इसका पंजाब सरकार ने विरोध किया और कहा कि ऐसा कर केंद्र सरकार अपनी पुरानी साझीदार पार्टी के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया को बचाने की कोशिश कर रही है। इसके अलावा मजीठिया को लेकर पंजाब के अलावा हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और चंडीगढ़ में एक साथ रेड की गई। मजीठिया को लेकर पुलिस अमृतसर तक गई। वहीं, मजीठिया ने रिमांड को चुनौती देने वाली याचिका हाईकोर्ट में दायर की है। 2021 में कांग्रेस सरकार ने दर्ज किया केस पंजाब सरकार ने 2021 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट की धारा 25 (क्राइम की सुविधा), 27A (ड्रग्स से वित्तीय सहायता) और 29 (साज़िश) के अंतर्गत FIR दर्ज की थी । यह FIR कांग्रेस-सरकार ने दर्ज की थी। इस मामले में मजीठिया को जेल जाना पड़ा था। अदालत की अनुमति से उन्होंने चुनाव लड़ा था। 10 अगस्त 2022 को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने उन्हें ज़मानत पर रिहा किया। इस मामले में अब तक पांच एसआईटी बन चुकी है। लेकिन अभी तक चालान पेश नहीं हुआ है।

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