बिहार में इसी साल (2025) विधानसभा चुनाव का चुनावी होना है. चुनावी तैयारियों के बीच, मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान भी तेजी से चल रहा है. इस बीच एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बड़ा बयान दिया है. सोमवार (14 जुलाई) को असदुद्दीन ओवैसी ने एएनआई से कहा यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक संवैधानिक संस्था बयान नहीं दे रही है और सूत्रों के माध्यम से चीजें सामने आ रही हैं.
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “ये सोर्सेस कौन हैं? चुनाव आयोग को यह निर्धारित करने की पावर किसने दी कि कोई नागरिक है या नहीं? हमारी पार्टी ने सबसे पहले कहा था कि चुनाव आयोग पिछले दरवाजे से एनआरसी कर रहे हैं, हम उन बीएलओ के मोबाइल नंबर की मांग करते हैं. हम अपनी पार्टी के लोगों से उन बीएलओ से मिलने और उनसे पूछने के लिए कहेंगे कि नेपाल, म्यांमार और बांग्लादेश के लोग कहां हैं जिनके बारे में वे बात कर रहे हैं.
आगे कहा, “एसआईआर 2003 में हुआ था. उस समय कितने विदेशी नागरिक निकले? जुलाई 2019 में, कानून मंत्री ने संसद में कहा कि 2016, 2017 या 2019 में कोई विदेशी नागरिक नहीं मिला… ये सोर्सेस बेशर्म हैं. एक संवैधानिक संस्था की प्रतिष्ठा को क्यों बाधित किया जा रहा है?”
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मतदाता सूची पुनरीक्षण पर असदुद्दीन ओवैसी का बड़ा बयान, AIMIM प्रमुख ने क्यों कहा दुर्भाग्यपूर्ण? जानें
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