मध्य प्रदेश पुलिस पर पिटाई का आरोप लगाने वाले पत्रकारों ने मांगा गिरफ्तारी से संरक्षण, सुप्रीम कोर्ट ने किया इनकार, कहा- पहले आप…

by Carbonmedia
()

सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार से उन दो पत्रकारों की याचिका पर बुधवार (4 जून, 2025) को जवाब मांगा, जिन्होंने आरोप लगाया है कि अवैध रेत खनन पर रिपोर्टिंग करने के कारण राज्य के एक थाने में उनके साथ मारपीट की गई.


जस्टिस संजय करोल और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने हालांकि दोनों पत्रकारों को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान करने से इनकार कर दिया.


पीठ ने पत्रकार शशिकांत गोयल और अमरकांत सिंह चौहान की याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति व्यक्त की और मध्य प्रदेश और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा. अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 9 जून के लिए सूचीबद्ध की.


याचिकाकर्ताओं की ओर से उपस्थित वकील ने पीठ से आग्रह किया कि याचिकाकर्ताओं को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया जाए. पीठ ने कहा, ‘दूसरे पक्ष को जवाब देने दीजिए. राज्य को भी तथ्य पेश करने दीजिए.'


सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि याचिकाकर्ताओं ने भिंड के पुलिस अधीक्षक को याचिका में पक्षकार क्यों नहीं बनाया. पीठ ने कहा, ‘किसी आईपीएस अधिकारी को पक्षकार बनाए बिना उसके खिलाफ हर तरह की बातें कहना बहुत आसान है.'


पीठ ने यह भी पूछा कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार को पक्ष क्यों बनाया गया. वकील ने कहा कि एनएचआरसी को पक्षकार बनाया गया है क्योंकि याचिकाकर्ताओं ने पहले वहां शिकायत दर्ज कराई थी और मामले से उसे पक्षकार के रूप में हटाने की पेशकश की थी.


राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार पर, वकील ने कहा कि दोनों याचिकाकर्ता फिलहाल राष्ट्रीय राजधानी में हैं. पीठ ने पूछा कि दो जून को जब मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए उल्लेख किया गया था, तो याचिकाकर्ताओं की ओर से दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किए जाने के बारे में उसे क्यों नहीं बताया गया, जहां मामला लंबित था.


पीठ ने पूछा, ‘आपने हमें उस समय क्यों नहीं बताया कि आप पहले ही दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा चुके हैं और मामला लंबित है?’ वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट से गिरफ्तारी पर रोक और दंडात्मक कार्रवाई से संरक्षण का अनुरोध कर रहे हैं, जबकि हाईकोर्ट से ऐसी राहत नहीं मांगी गई है.


दिल्ली हाईकोर्ट ने 28 मई को चौहान को सुरक्षा प्रदान की थी. चौहान ने दावा किया था कि भिंड के पुलिस अधीक्षक से उनकी जान को खतरा है, जिनके कार्यालय में उन्हें कथित तौर पर पीटा गया था. हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को मध्य प्रदेश निवासी और ‘स्वराज एक्सप्रेस’ समाचार चैनल के भिंड ब्यूरो प्रमुख चौहान को सुरक्षा देने का निर्देश दिया था.


पिछले महीने भिंड जिले के तीन पत्रकारों ने आरोप लगाया था कि पुलिस अधीक्षक के कार्यालय के अंदर उनके साथ मारपीट की गई या उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया, हालांकि पुलिस अधिकारी ने इस आरोप से इनकार किया था.


यूट्यूब चैनल चलाने वाले प्रीतम सिंह राजावत, समाचार पोर्टल चलाने वाले गोयल और समाचार चैनल के लिए काम करने वाले चौहान ने जिला कलेक्टर को सौंपी शिकायत में आरोप लगाया कि एक मई को उनके साथ मारपीट की गई.

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating / 5. Vote count:

No votes so far! Be the first to rate this post.

Related Articles

Leave a Comment