मनीषा की मौत मामले में सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) कड़ी-दर कड़ी जोड़ रही है। सबसे पहले सीबीआई ने पुलिस से मनीषा केस से जुड़ा रिकार्ड तलब किया। इसके बाद सीबीआई ने मनीषा मौत मामले से जुड़े लोगों से पूछताछ की। ताकि मामले की तय तक पहुंच सके। शनिवार को सीबीआई ने प्ले स्कूल, कॉलेज व परिवार से मुलाकात की। इस दौरान मनीषा से जुड़े प्रश्न पूछे, ताकि मनीषा मौत की तय तक पहुंच सके। सीबीआई ने मनीषा मौत वाले दिन के सीन को क्रिएट करने के अनुसार ही जांच शुरू की। सीबीआई सबसे पहले ढिगावा मंडी के रेस्ट हाउस में गई। इसके बाद मनीषा के प्ले स्कूल जहां मनीषा पढ़ती थी। ताकि मनीषा से 11 अगस्त को हुई घटना से जुड़ी जानकारी मिल सके। इसके बाद घटनास्थल पर पहुंची, जहां पर मनीषा का शव पड़ा हुआ था। इसके बाद मनीषा के घर पहुंची। जहां पर करीब एक घंटे तक मनीषा के पिता से पूछताछ की। इसके अलावा सिंघानी स्थित कॉलेज भी गई, जहां मनीषा एडमिशन के लिए जाने की बात कह रही थी। पिता से एक घंटे पूछताछ
सीबीआई ने मनीषा के पिता संजय कुमार से करीब 1 घंटे पूछताछ की। जिसमें संजय कुमार से 11 अगस्त से 13 अगस्त के दौरान की सभी घटनाओं को बारिकी से पूछा। मनीषा के पिता संजय कुमार ने बताया कि सीबीआई मेरे बयान लेकर गई है। इस दौरान 11 से लेकर 13 अगस्त तक की जानकारी ली। उनके ही बयान दर्ज किए हैं। क्योंकि उस दौरान मौजूद तो वे ही थे। करने वाला व देखने वाला मैं ही था। अन्य घर वालों से कोई पूछताछ नहीं की। सुसाइड नोट वाला कुछ नहीं बताया। अब सीबीआई वाले कार्रवाई शुरू करेंगे। जो घटना घटी व जो व्यवहार किया था, वह सब बताया था। सीबीआई वालों ने करीब एक घंटे तक पूछताछ की है। सुसाइड नोट लेट दिखाने की बात भी कही है। पहले घुमाते रहे और फिर सुसाइड नोट दिखा दिया। पुलिस कह रही है कि बॉडी को कुत्ते खा गए। हारकर हमने तो आपका (सीबीआई) का सहारा लिया है। हम नहीं मानते उनकी, इसलिए सीबीआई जांच करवाई है। सीबीआई से न्याय की उम्मीद, मैं जिंदा हो गया
संजय ने बताया कि सुसाइड नोट मिलाने के लिए कोई रिकॉर्ड नहीं लेकर गए। जिसके बाद उन्होंने सीबीआई को बताया कि सीआईए का स्टाफ तीन-चार दिन बाद आया था। जिसके बाद रजिस्टर लेकर गए थे। उसके बाद कह दिया था कि सुसाइड नोट है। अगर सुसाइड नोट होता तो पहले दिन ही दिखा देते। अगर पहले दिन ही दिखा देते तो इतना बड़ा आंदोलन नहीं होता। गुड़िया को न्याय मिलने की अब सीबीआई से उम्मीद है। सीबीआई वालो का व्यवहार काफी अच्छा था। मेरे को उन पर पूर्ण विश्वास है कि वे करके जाएंगे। जिस तरीके से आश्वासन दिया है। उससे मेरी उम्मीद बंध गई और मैं जिंदा हो गया।
मनीषा मौत की कड़ी-दर-कड़ी जोड़ रही CBI:पहले पुलिस से रिकार्ड तलब किया, फिर केस से जुड़े लोगों से पूछताछ
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