दिल्ली हाई कोर्ट ने कश्मीरी अलगाववादी नेता शब्बीर अहमद शाह की पत्नी बिलकीस शाह के द्वारा दायर अर्जी पर जांच एजेंसी ईडी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. बिलकीस शाह ने अपने खिलाफ दर्ज मनी लांड्रिंग के मामले को रद्द करने की हाई कोर्ट से मांग की है.
दिल्ली हाई कोर्ट में जस्टिस संजीव नरूला की बेंच ने ईडी को नोटिस जारी कर 26 सितंबर तक जवाब मांगा है. 26 सितंबर को इसी मामले में आरोपी मोहम्मद असलम वानी की संबंधित याचिका पर भी सुनवाई होगी.
सप्लीमेंट्री चार्जशीट को चुनौती
दिल्ली हाईकोर्ट में बिलकीस शाह ने साल 2021 में अपने खिलाफ दाखिल की गई सप्लीमेंट्री चार्जशीट को चुनौती दी है. यह मामला साल 2007 से जुड़ा हुआ है. दिल्ली हाई कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया है कि शब्बीर शाह और असलम वानी के खिलाफ 2017 में पटियाला हाउस कोर्ट द्वारा आरोप तय किए गए थे लेकिन अब तक 33 गवाहों में से केवल चार की ही गवाही हो सकी है.
‘ईडी के पास नही है सबूत’
दिल्ली हाई कोर्ट में बिलकीस शाह के वकील ने दलील देते हुए कहा कि उन्हें कभी अरेस्ट नहीं किया गया और उनके खिलाफ चार्जशीट बिना गिरफ्तारी के दाखिल कर दी गई. ईडी का आरोप है कि बिलकिस और उनके पति ने सह आरोपी असलम वानी से 2.08 करोड़ लिए थे. लेकिन कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा है कि प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की धारा 50 के तहत दिए गए बयानों में बिलिकिस शाह का नाम सीधे तौर पर नहीं लिया गया है और उनके खिलाफ कोई सीधा सबूत नहीं है.
आरोप तय होने की प्रक्रिया 2021 से है लंबित
याचिका में यह भी दलील दिया गया है कि मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप केवल तभी लागू हो सकते हैं जब यह स्पष्ट रूप से साबित हो कि मिला पैसा अवैध गतिविधियों से लिया गया था जो कि इस मामले में नहीं दिखाया गया है. बिलकीस शाह के खिलाफ आरोप तय होने की प्रक्रिया दिसंबर 2021 से कोर्ट में लंबित है.
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