Shivsena UBT on Marathi Language Controversy: मुंबई में मराठी भाषा न बोलने पर एक दुकानदार से मारपीट का मामला सामने आने के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है. इस मुद्दे पर शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता आनंद दुबे ने सख्त प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने साफ कहा कि शिवसेना हिंसा का समर्थन नहीं करती और महाराष्ट्र में रहने वालों को मराठी सिखाने का काम प्रेमपूर्वक होना चाहिए, न कि डराकर या पीटकर.
मारकर यह भाषा नहीं सिखाई जा सकती- आनंद दुबे
आनंद दुबे ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि मराठी महाराष्ट्र की आत्मा है, लेकिन किसी को मजबूर करके या मारकर यह भाषा नहीं सिखाई जा सकती. उन्होंने कहा कि हर राज्य की अपनी मातृभाषा होती है- तमिलनाडु में तमिल, बिहार में भोजपुरी या मगही- उसी तरह महाराष्ट्र में मराठी. अगर किसी को भाषा नहीं आती, तो हम सिखाएंगे, लेकिन जो लोग हिंसा कर रहे हैं, उनके खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई होनी चाहिए. शिवसेना की स्थानीय शाखाओं से जुड़कर लोग मराठी सीख सकते हैं, हम उन्हें मंच भी देंगे.
आनंद दुबे ने मराठी भाषा को “बहुत प्यारी” बताते हुए कहा कि हिंदी और मराठी दोनों देवनागरी लिपि में हैं, इसलिए हिंदी भाषी आसानी से मराठी सीख सकते हैं. उन्होंने अपील की कि हिंदी भाषी लोग मराठी बोलने की कोशिश करें, शुरुआत में मुश्किल होगी लेकिन अभ्यास से सब कुछ संभव है. उन्होंने कहा कि जब लोग मराठी बोलना शुरू करेंगे तो उन्हें अपनापन भी मिलेगा, क्योंकि भाषा दिलों को जोड़ती है.
Mumbai, Maharashtra: On MNS party workers assaulting a Hindi-speaking trader for not speaking Marathi in Mumbai, Shiv Sena (UBT) spokesperson Anand Dubey says, “We do not support any kind of violence. If someone in Maharashtra doesn’t know Marathi, we will teach them… It is… pic.twitter.com/U8NCzx46bf
— IANS (@ians_india) July 1, 2025
यदि किसी को मराठी सिखानी है तो प्यार से सिखाएं- आनंद दुबे
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए दुबे ने कहा कि कुछ उपद्रवी तत्व बार-बार राज ठाकरे के नाम को बदनाम करते हैं. उन्होंने सलाह दी कि यदि किसी को मराठी सिखानी है तो प्यार से सिखाएं, मारपीट का रास्ता छोड़ें. इसके साथ ही बीजेपी पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि बीजेपी संविधान और धर्मनिरपेक्षता की बात करती है लेकिन ईडी-सीबीआई का दुरुपयोग कर विपक्ष को डराती है.
उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी अपने सहयोगियों को गुलाम बना देती है, यही कारण है कि अकाली दल और असली शिवसेना उससे अलग हो गए. बिहार चुनाव पर बोलते हुए उन्होंने दावा किया कि महागठबंधन और शिवसेना मिलकर बीजेपी को हराएंगे क्योंकि जनता अब बदलाव चाहती है.