Politics on Marathi Morcha: मुंबई की मीरा रोड पर आज (मंगलवार, 8 जुलाई) होने वाले मराठी स्वाभिमान मोर्चा को इजाजत नहीं मिली, जिससे सियासत गरमा गई है. इस मुद्दे पर महायुति में फूट हो गई है. मराठी मोर्चा को इजाजत नहीं मिलने से एकनाथ शिंदे की सेना खफा है. शिंदे सेना के मंत्री प्रताप सरनाईक ने खुले तौर पर नाराजगी जाहिर की है.
प्रताप सरनाईक का कहना है, “पुलिस एक पार्टी (बीजेपी) की तरफ से काम न करें. अगर व्यापारियों (गुजराती-मारवाडी) के मोर्चे को इजाजत दी गई तो मराठी लोगों के मोर्चे को क्यों नहीं दी जा रही है?”
आक्रामक हुए एकनाथ शिंदे के मंत्रीप्रताप सरनाईक ने दावा किया कि वह खुद इस मोर्चे में शामिल होने वाले थे. उन्होंने कहा, “मैं मंत्री बाद में हूं पहले मराठी हूं. मैने वहां के पुलिस कमिश्नर से बात कर अपनी नाराजगी व्यक्त की है. आज मैं मुख्यमंत्री से भी इस मुद्दे पर बात करने वाला हूं.”
प्रताप सरनाईक ने आक्रामक रूप अपनाते हुए कहा, “अगर पुलिस में दम है तो रोककर दिखाएं या गिरफ़्तार करके दिखाएं.”
शिवसेना के योगेश कदम का रुखहालांकि, शिवसेना के ही दूसरे मंत्री योगेश रामदास कदम सरकार की तरफ से बोलते हुए दिखे. उन्होंने कहा, “इसमें कोई राजनीति नहीं है. जिस स्थान पर उन्होंने अनुमति मांगी है, वहां कुछ दिक्कतें हो सकती हैं. हमने उनसे कहा है कि वे स्थान बदल लें, उसके बाद अनुमति मिल जाएगी लेकिन वे स्थान बदलने को तैयार नहीं हैं.”
मराठी मोर्चे पर महायुति में मतभेद, एकनाथ शिंदे के मंत्री बोले- ‘पुलिस वाले BJP के काम न करें’
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