World Blood Donor Day 2025: विश्व रक्तदाता दिवस (World Blood Donar Day) की शुरुआत साल 2004 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस सोसाइटी, ISBT और कई संगठनों ने एक साथ मिलकर की थी. इस दिन को मनाने के लिए 14 जून का दिन चुना गया, क्योंकि इस दिन महान वैज्ञानिक डॉ. कार्ल लैंडस्टीनर का जन्मदिन है. इस दिन कई लोग दूसरे लोगों की जान बचाने के लिए अपना खून दान करते हैं.
आप लोगों ने कई बार सुना भी होगा और पढ़ा भी होगा कि रक्त दान महा दान होता है. भारत में किसी भी व्यक्ति को खून दान करना सबसे बड़ा दान माना जाता है. अपना खून दान करके हम किसी भी जरूरतमंद की जान बचा सकते हैं. चलिए अब इस मौके पर यह जानते हैं कि किन देशों के लोग सबसे ज्यादा रक्त दान करते हैं.
इन देशों के लोग करते हैं सबसे ज्यादा रक्तदान
उपलब्ध जानकारी के आधार पर, सबसे ज्यादा रक्तदान करने वाला देश निर्धारित करना कठिन है, क्योंकि वैश्विक स्तर पर रक्तदान के आंकड़े प्रति देश एकत्रित रक्त की मात्रा, दान की दर, या प्रति व्यक्ति रक्तदान जैसे विभिन्न मापदंडों पर आधारित हो सकते हैं. हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और स्रोतों के मुताबिक, कुछ देशों में रक्तदान की दर उल्लेखनीय रूप से ज्यादा है, खासकर विकसित देशों में जहां रक्तदान प्रणाली अच्छी तरह से संगठित है.
ऑस्ट्रिया और जर्मनी: कुछ स्रोतों के मुताबिक, ऑस्ट्रिया और जर्मनी जैसे देशों में प्रति 1,000 लोगों पर रक्तदान की दर ज्यादा है. ऑस्ट्रिया में प्रति 1,000 लोगों पर लगभग 60-70 यूनिट रक्त दान किया जाता है, जो वैश्विक औसत से काफी ज्यादा है.
संयुक्त राज्य अमेरिका: अमेरिका में रक्तदान की मात्रा बहुत ज्यादा है, क्योंकि वहां की जनसंख्या बड़ी है और रक्तदान अभियान व्यापक स्तर पर चलाए जाते हैं. अमेरिकन रेड क्रॉस जैसे संगठन सालाना लाखों यूनिट रक्त एकत्र करते हैं.
भारत: भारत में रक्तदान की जागरूकता बढ़ रही है, लेकिन प्रति व्यक्ति रक्तदान की दर अभी भी निम्न है. WHO के मुताबिक, भारत में प्रति 1,000 लोगों पर लगभग 10-12 यूनिट रक्त दान किया जाता है, जो वैश्विक औसत (लगभग 15-20 यूनिट प्रति 1,000) से कम है.
वैश्विक स्तर पर हर साल 81 मिलियन यूनिट खून किया जाता है एकत्र
स्वैच्छिक रक्तदान: WHO के 2006 के आंकड़ों के मुताबिक, 124 में से केवल 49 देशों में स्वैच्छिक, गैर-भुगतान रक्तदान का मानक स्थापित हो पाया था. विकसित देशों जैसे यूनाइटेड किंगडम, कनाडा, और ऑस्ट्रेलिया में स्वैच्छिक रक्तदान की संस्कृति मजबूत है. WHO का अनुमान है कि वैश्विक स्तर पर प्रतिवर्ष लगभग 81 मिलियन यूनिट रक्त एकत्र किया जाता है.
उच्च आय वाले देशों में रक्तदान की दर ज्यादा होती है, क्योंकि वहां संगठित रक्त बैंकों और जागरूकता अभियानों की बेहतर व्यवस्था है. विकासशील देशों में, जैसे घाना, प्रतिस्थापन दान (जब परिवार या दोस्त रक्त दान करते हैं) आम है, जिससे स्वैच्छिक दान की दर कम रहती है.
बता दें कि दुनिया में हर दो सेकंड में किसी न किसी को खून की जरूरत पड़ती है. भारत में केवल 1 फीसदी आबादी ही रक्तदान करती है, जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन 1 फीसदी से 3 फीसदी आबादी के बीच रक्तदान दर की सिफारिश करता है. बता दें कि एक यूनिट रक्त दान करने से हम तीन लोगों की जान बचा सकते है. दान के बाद खोए रक्त की भरपाई करने में शरीर को लगभग 24 से 48 घंटे लगते हैं.
भारत में बढ़ रही है रक्तदान की दर
सटीक आंकड़ों के अभाव में, ऑस्ट्रिया, जर्मनी, और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देश रक्तदान में अग्रणी माने जा सकते हैं, खासकर प्रति व्यक्ति दान और संगठित प्रणाली के आधार पर. भारत में रक्तदान की दर बढ़ रही है, लेकिन अभी इसे और बढ़ाने की आवश्यकता है. ज्यादा जानकारी के लिए WHO या राष्ट्रीय रक्त आधान परिषद (भारत) की नवीनतम रिपोर्ट्स मददगार हो सकती हैं.
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