महबूबा मुफ्ती ने उठाई कश्मीरी पंडितों को जमीन देने की मांग, फारूक अब्दुल्ला बोले- ‘जब मैं सीएम…’

by Carbonmedia
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Jammu Kashmir News: नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने मंगलवार (3 जून) को उम्मीद जताई कि कश्मीरी पंडित घाटी में वापस लौटेंगे, क्योंकि पहलगाम आतंकी हमले के बाद मेला खीर भवानी में उनकी मौजूदगी इसके अपराधियों को करारा जवाब है. 


गांदरबल जिले में वार्षिक मेले के दौरान मंदिर में दर्शन करने के बाद फारूक अब्दुल्ला ने संवाददाताओं से कहा, “यह (मेले में श्रद्धालुओं की मौजूदगी) बहुत बड़ी बात है. यह माता (मंदिर की देवी) का काम है. उन्होंने उन्हें यहां, उनके घरों में बुलाया है.” उन्होंने लोगों से आतंकी हमले और उसके बाद चार दिनों तक चले सैन्य संघर्ष के डर को त्यागने और बड़ी संख्या में जम्मू-कश्मीर आने का आग्रह किया. 


’डर छोड़कर करें माता के दर्शन'
फारूक अब्दुल्ला ने आगे कहा, “जम्मू में भी लोग लड़ाई के कारण डरे हुए हैं. वे माता वैष्णो देवी नहीं आ रहे हैं. मैं लोगों से कहना चाहता हूं कि वे डर छोड़कर माता के दर्शन के लिए आएं.” जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने भी उम्मीद जताई कि 3 जुलाई से शुरू होने वाली वार्षिक अमरनाथ यात्रा के लिए बड़ी संख्या में तीर्थयात्री आएंगे. 


’बड़ी संख्या में आएंगे श्रद्धालु'
उन्होंने कहा, “हमें उम्मीद है कि लोग भोलेनाथ के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में आएंगे.” नेशनल कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष ने खीर भवानी मेला में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की मौजूदगी का स्वागत किया. उन्होंने कहा, “लोगों के बीच डर खत्म होने लगा है. यह उन लोगों को करारा जवाब है जो लोगों के दिलों में भाईचारे को खत्म करना चाहते हैं.” उन्होंने कहा कि भाईचारे की भावना जिंदा है और जिंदा रहेगी. अब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीर “ऋषि-मुनियों और सूफियों” का स्थान है और खीर भवानी मेला इस आम आस्था का हिस्सा है. 


’कश्मीरी पंडितों की वापसी की प्रेरणा है ये मेला'
उन्होंने उम्मीद जताई कि यह मेला कश्मीरी पंडितों की वतन वापसी की प्रेरणा देगा. उन्होंने कहा, “लोग यहां दर्शन के लिए आते हैं, अपनी समस्याओं के साथ-साथ देश के सामने आने वाली समस्याओं के अंत के लिए प्रार्थना करते हैं. हम भी यहां आए हैं और उम्मीद करते हैं कि यह मेला हमारे भाइयों और बहनों की वापसी की शुरुआत है ताकि वे यहां रहें.” 


महबूबा मुफ्ती पर क्या कहा?
उन्होंने कहा, “हम यहां इस उम्मीद के साथ आए हैं कि माता उन्हें वापस घर ले आएंगी ताकि वे यहां आराम से रह सकें.” पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती के कश्मीरी पंडितों को जमीन मुहैया कराने के प्रस्ताव पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जब वह मुख्यमंत्री थे, तो उन्होंने न केवल जमीन मुहैया कराने का प्रस्ताव रखा था, बल्कि समुदाय के लिए घर बनाने का भी प्रस्ताव रखा था, लेकिन स्थिति अनुपयुक्त हो गई. 


’स्थिति में आएगा सुधार'
अब्दुल्ला ने कहा, “यह पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह थे जिन्होंने हजारों लोगों को नौकरी दी ताकि वे यहां आएं और यहां रहें. लेकिन फिर स्थिति फिर से अनुपयुक्त हो गई. अब हमें उम्मीद है कि स्थिति में सुधार होगा और हमारे भाई-बहन वापस लौटेंगे.”

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