यूपी के मऊ में महाराजा सुहेलदेव की प्रतिमा अनावरण समारोह में पहुंचे सुभासपा नेता और ओमप्रकाश राजभर के पुत्र अरविंद राजभर ने तीखा प्रहार करते हुए हुए महाराजा सुहेलदेव को ‘लुटेरा’ बताने वाले बयान पर नाराजगी जाहिर करते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी है. इस दौरान उन्होंने कहा कि जो लोग महाराजा सुहेलदेव राजभर को ‘लुटेरा’ कहते हैं, उन्हें होश में आ जाना चाहिए. जिस दिन हम प्रमाणित कर देंगे, उसी दिन उन्हें भी समझा दिया जाएगा. 1000 साल पुराना दृश्य दोबारा दोहराया जाएगा.
वहीं बिहार में आगामी चुनाव को लेकर अरविंद राजभर ने कहा, “एनडीए के साथ गठबंधन में सुभासपा पूरी ताकत से चुनाव लड़ेगी. कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं, सीटों का फैसला जल्द होगा.”
वोट चोर, गद्दी छोड़’ के नारे पर पलटवार
अरविंद राजभर ने विपक्षी नारों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “जितने चोर हैं, वही लोग ऐसे नारे लगा रहे हैं. ये वही लोग हैं जो सत्ता में रहते हुए लाठी, बंदूक और धमकी के दम पर वोट लूटते रहे. अब जब जनता जागरूक हो गई है, तो उन्हें अपनी जमीन खिसकती दिख रही है. ऐसे नारों का अब कोई मतलब नहीं है.”
ओवैसी के नेता पर भी साधा निशाना
ओवैसी की पार्टी के एक नेता द्वारा महाराजा सुहेलदेव को लुटेरा कहने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए अरविंद राजभर बोले, “उसे इतिहास की जानकारी नहीं है, वो बस सस्ती लोकप्रियता के लिए बोलता है. इतिहास के पन्ने पलट कर देखेगा तो उसकी रूह कांप जाएगी. हमारे पूर्वजों का अपमान करने से पहले इतिहास पढ़ लेना चाहिए.”
अखिलेश यादव पर भी कसा तंज
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के एक बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, “उन्होंने कहा था कि ओमप्रकाश राजभर की हैसियत ₹100 की है. हम PDA का हिस्सा हैं, लेकिन जब आरक्षण देने की बात आई तो बोल नहीं फूटी. सुप्रीम कोर्ट से स्टे लेने वाले अखिलेश अब किस मुंह से PDA की बात कर रहे हैं?”
पार्टी कार्यकर्ता पर सिपाही की मार, प्रशासन ने दी सफाई
सुहेलदेव कार्यकर्ता को महिला सिपाही द्वारा थप्पड़ मारने की घटना पर उन्होंने कहा कि एसपी कार्यालय की ओर से इसे दुर्भाग्यपूर्ण और नासमझी में हुई घटना बताया गया है. जनता को गुमराह नहीं किया जाए. 2027 में NDA की सरकार बनेगी. अरविंद राजभर ने विश्वास जताया कि 2027 में उत्तर प्रदेश में NDA की सरकार बनेगी और विपक्ष को जनता करारा जवाब देगी.
महाराजा सुहेलदेव को अपमानित करने वालो को अरविंद राजभर का जवाब, ‘इतिहास को न छेड़ें वरना…’
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