पटना के चर्चित शिक्षक खान सर की ओर से जम्मू-कश्मीर के अंतिम डोगरा शासक महाराजा हरि सिंह और उनके परिवार की महिलाओं के खिलाफ की गई अपमानजनक टिप्पणी के बाद मामला गरमा गया है. डोगरा शाही परिवार इस विवादित टिप्पणी को लेकर भड़क गया है. इस परिवार से आने वाली कुवारानी रितु सिंह (Kuwarani Ritu Singh) ने खान से के इस बयान को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है.
खान सर की महाराजा हरि सिंह के बारे में टिप्पणी पर डोगरा शाही परिवार की रितु सिंह ने कहा, “कल, मैं उनके बयान के बारे में पढ़ और सुन रही थी, और मेरा मानना है कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. इस वक्त उस व्यक्ति के बारे में ऐसा बोलना, जिन्होंने पूरी जम्मू कश्मीर की रियासत को इतने अच्छे तरह से संभाला था. जम्मू कश्मीर और लद्दाख उस समय एक ही स्टेट था और कई दूर-दूर की जगह भी हमारे थे.”
Jammu, J&K: On Educator and YouTuber Khan Sir’s remark about Maharaja Hari Singh, Kuwarani Ritu Singh of the Dogra royal family says, “…Yesterday, I was reading and heard about his statement, and I believe it is very unfortunate…” pic.twitter.com/8kCQaduNMO
— IANS (@ians_india) July 14, 2025
‘महाराजा हरि सिंह ने स्टेट के लिए अपना जीवन त्यागा’
डोगरा शाही परिवार की सदस्य ने आगे कहा, ”महाराजा हरि सिंह ने इस स्टेट के लिए अपना जीवन ही त्याग कर दिया था. आज भी जब हम दूर-दूर तक गांव में घूमते हैं तो महाराजा साहब के लिए बहुत इज्जत है. मान सम्मान है. लेकिन बदकिस्मती से इन्होंने बहुत ही गलत बयान दिए हैं.”
खान सर के खिलाफ एक्शन लेना चाहिए-रितु सिंह
उन्होंने आगे कहा, ”महाराजा हरि सिंह के जाने के बाद उनके जितने भी अधूरे काम हैं, उन्हें हम चलाते जा रहे हैं. हमारे ससुर साहब ने सदर रियासत के रूप में 18 साल सेवा की थी. तो इन्होंने बहुत ही गलत बयान दिया है. मुझे लगता है कि इनके खिलाफ हमें एक्शन लेना चाहिए और मानहानि का मुकदमा किया जाना चाहिए. मेरी राय में उन्होंने बहुत ही गलत कहा है, यह बेहद ही शर्मनाक है. ऐसे बयान देकर ये लोगों को बरगला रहे हैं.
खान सर ने क्या दिया विवादित बयान?
बिहार की राजधानी पटना में पढ़ाने वाले शिक्षक और यूट्यूबर खान सर ने एक इंटरव्यू में कहा, ”कश्मीर महाराजा हरि सिंह की गलती थी, कश्मीर को स्विट्ज़रलैंड बनाना चाहते थे. उनके घर के रिश्तेदारों को पाकिस्तान लेकर गया है, तब जाकर इन्होंने सरेंडर किया. देश आजाद हुआ 15 अगस्त को और इन्होंने 26 अक्टूबर को दो महीने बाद सरेंडर किया. सरदार पटेल ने साउथ में ज्यादा ध्यान दिया था. अगर उनकी जितनी क्षमता थी वो अगर कश्मीर में लगा दिए होते तो स्थिति अलग होती. सरदार पटेल अपनी क्षमता को कश्मीर में उतना नहीं लगा पाए जितना बाकी जगहों पर लगाए. हरि सिंह मतलबी इंसान थे.”