महाराष्ट्र के नाशिक के इगतपुरी में सीबीआई ने एक रिसॉर्ट में चल रहे अवैध कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है. यह कॉल सेंटर अमेजन सपोर्ट सर्विसेज का झांसा देकर लोगों से साइबर फ्रॉड करता था. CBI ने इस मामले में 6 आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज किया है, जिनमें से 5 को गिरफ्तार कर लिया गया है. इनके पास से 1.2 करोड़ कैश, 44 लैपटॉप और 71 फोन बरामद हुए हैं.
कैसे चलता था ये कॉल सेंटर रैकेट?
जांच में पता चला है कि आरोपित लोग अमेरिका, कनाडा और अन्य देशों के नागरिकों को फोन करके उन्हें धोखा देते थे. ये कॉल सेंटर गिफ्ट कार्ड्स और क्रिप्टोकरेंसी के जरिए अपराध की कमाई करते थे. यहां लगभग 60 ऑपरेटर्स काम कर रहे थे, जिनमें डायलर्स, वेरिफायर्स और क्लोजर्स शामिल थे, जो इस धोखाधड़ी को अंजाम देते थे.
तलाशी के दौरान, CBI को 44 लैपटॉप, 71 मोबाइल फोन और कई डिजिटल साक्ष्य मिले हैं. इसके अलावा, लगभग 1.20 करोड़ रुपये की नकदी, 500 ग्राम सोना और 7 लग्जरी कारें जब्त की गई हैं. साथ ही, 5000 USDT क्रिप्टोकरेंसी (लगभग 5 लाख रुपये) और 2000 कनाडाई डॉलर के गिफ्ट वाउचर (करीब 1.26 लाख रुपये) भी मिले हैं.
CBI ने पहले भी एक गिरोह का किया था पर्दाफाश
इससे पहले जुलाई में, CBI ने ऑपरेशन चक्र-5 के तहत एक अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराध गिरोह का भंडाफोड़ किया था. यह गिरोह यूके और ऑस्ट्रेलिया के लोगों को टारगेट करता था और टेक्निकल सपोर्ट स्कैम चलाता था. उस मामले में नोएडा के तीन ठिकानों पर छापे मारे गए थे.
CBI की जांच में यह सामने आया था कि गिरोह के सदस्य माइक्रोसॉफ्ट और अन्य बड़ी कंपनियों के तकनीकी सपोर्ट स्टाफ बनकर लोगों को ठगते थे. वे दावा करते थे कि उनके कंप्यूटर या मोबाइल में कोई तकनीकी समस्या है और समाधान के नाम पर भारी रकम वसूलते थे.
इंटरनेशनल स्पोर्ट से हुआ खुलासा
CBI ने इस गिरोह की तलाश FBI, ब्रिटेन की नेशनल क्राइम एजेंसी और माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन के साथ मिलकर की थी. तलाशी में कई तकनीकी उपकरण और धोखाधड़ी से जुड़े दस्तावेज मिले थे.
महाराष्ट्र: इगतपुरी में CBI ने पकड़ा फर्जी कॉल सेंटर, 1.2 करोड़ कैश, 44 लैपटॉप, 71 फोन बरामद
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