Maharashtra News: भारत में जहां महंगी और दिखावे वाली शादियों का चलन बढ़ रहा है, वहीं सादगी और आत्मसम्मान के साथ की गई शादियां एक सकारात्मक उदाहरण बनती हैं. जब कोई अपनी पहचान और मूल्यों को कायम रखते हुए विवाह करता है, तो समाज में उसकी सराहना और चर्चा दोनों होती है.
महाराष्ट्र के वाशिम जिले के रिसोड़ तालुका की युवती और गांव के रहने वाले युवा किसान विट्ठल शिंदे ने अपनी शादी को खास और यादगार बना दिया. उनका विवाह हिंगोली जिले के सेनगाव तालुका के खडज गांव में पारंपरिक रीति-रिवाजों के बीच संपन्न हुआ, लेकिन अंदाज हटकर था.
ट्रैक्टर पर हुई दुल्हन की एंट्री
इस अनोखी शादी में सबसे खास रही दुल्हन की एंट्री. आमतौर पर दुल्हनें कार या अन्य साज-सज्जा वाली सवारी में आती हैं, लेकिन विट्ठल ने अपनी जीवनसाथी दयानेश्वरी को फूलों से सजे ट्रैक्टर पर बिठाकर मंडप तक लाया. यह नजारा न सिर्फ शादी में शामिल लोगों के लिए नया अनुभव था, बल्कि इसने ग्रामीण आत्मनिर्भरता और किसान जीवन की गरिमा को भी बखूबी दर्शाया.
इस ट्रैक्टर राइड ने शादी को सिर्फ एक रस्म नहीं, बल्कि एक मजबूत संदेश का मंच बना दिया. इस कदम से विट्ठल और दयानेश्वरी ने दिखाया कि किसान होना गर्व की बात है और सादगी में भी भव्यता हो सकती है. राज्यभर में इस शादी की चर्चा हो रही है और लोग इस नवविवाहित जोड़े की सोच और साहस की सराहना कर रहे हैं.
किसानों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया
बता दें, विट्ठल शिंदे चाहते थे कि उनकी शादी किसान माहौल में संपन्न हो. इसी कारण उन्होंने ट्रैक्टर का चुनाव किया. उनका कहना है कि वह ऐसी शादी करना चाहते थे जिससे समाज में अच्छा संदेश जाए और लोगों को कुछ अलग अनुभव करने को मिले. उन्होंने राज्य के किसानों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है. जिसे लेकर किसान विट्ठल और दयनेश्वरी की हर जगह सराहना हो रही है.