Maharashtra Farmers Suicide: महाराष्ट्र में किसानों की खुदकुशी के सरकारी आंकड़े सामने आए हैं. देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने इस संबंध में विधानसभा में जानकारी दी है. महाराष्ट्र विधानसभा में दी गई जानकारी के मुताबिक इस साल मार्च और अप्रैल में 479 किसानों ने आत्महत्या की. राज्य के राहत और पुनर्वास मंत्री मकरंद पाटिल ने शुक्रवार (4 जुलाई) को विधानसभा में बताया कि इस साल मार्च और अप्रैल में प्रदेश में कुल 479 किसानों ने खुदकुशी की है.
महाराष्ट्र विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक लिखित जवाब में मंत्री मकरंद पाटिल ने जानकारी देते हुए बताया, ”मार्च में मराठवाड़ा और विदर्भ में 250 किसानों ने आत्महत्या की, जबकि अप्रैल में राज्य भर में 229 किसानों ने आत्महत्या की.” इनमें से कई मृतक किसानों के परिजनों को अभी सहायता राशि नहीं मिली है और इस संबंध में जांच प्रक्रिया अभी जारी है.
मार्च में 250 मामलों में कितने को आर्थिक सहायता?
पाटिल ने बताया कि मार्च में किसानों की आत्महत्या के 250 मामलों में से 102 को सरकारी नियमों के अनुसार, आर्थिक सहायता के लिए पात्र पाया गया, जिनमें से 77 मामलों में सहायता राशि बांटी गई. कुल 62 को अपात्र पाया गया, जबकि 86 मामलों में जांच लंबित है.
अप्रैल में कितने किसानों ने की आत्महत्या?
महाराष्ट्र में अप्रैल महीने में कुल 229 किसानों ने आत्महत्या की. इनमें से 74 को सहायता के लिए पात्र पाया गया. मंत्री ने सदन को बताया कि इन 74 मामलों में से 33 में धनराशि जारी की गई है.
मृतक किसानों के परिजनों को कितनी सहायता?
किसानों की खुदकुशी की कई वजहें हैं. 24 जनवरी, 2006 के सरकारी संकल्प (जीआर) के अनुसार, फसलों का खराब होना, राष्ट्रीयकृत और सहकारी बैंकों या लाइसेंस प्राप्त साहूकारों से लोन चुकाने में असमर्थता, बढ़ते कर्ज आदि के कारण आत्महत्या करने वाले किसानों को वित्तीय सहायता के लिए पात्र माना जाता है. ऐसे किसानों के परिजनों को 1 लाख रुपये दिए जाते हैं. मंत्री ने कहा कि वित्तीय सहायता में बढ़ोतरी पर विचार नहीं किया जा रहा है.
महाराष्ट्र में किसान सुसाइड के आंकड़े डराने वाले, मार्च में 250 और अप्रैल में 229 किसानों ने दी जान
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