Abu Azmi News: महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और विधायक अबू आजमी ने रविवार (22 जून) को नमाज का जिक्र करते हुए कहा कि जब सड़क पर हिंदुओं के त्योहार के लिए इजाजत दी जाती है तो फिर सड़क पर कुछ देर की नमाज पढ़ लेने को लेकर बवाल क्यों होता है. उन्होंने ये भी कहा कि वारी यात्रा के बारे में कहा कि इससे रास्ते जाम हो जाते हैं, जिससे आम जनता को दिक्कत होती है.
अबू आजमी ने रविवार (22 जून) को सोलापुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, “हम अपने हिंदू भाइयों के साथ कदम-कदम मिलाकर चलते हैं. आज तक किसी मुसलमान ने यह शिकायत नहीं की कि सड़क पर त्योहार क्यों मनाया जाता है. लेकिन, जब मस्जिद भर जाती है तो मजबूरी में कुछ लोग पांच या दस मिनट के लिए बाहर नमाज पढ़ने आते हैं तो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कहते हैं कि नमाजियों का पासपोर्ट और ड्राइविंग लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा.”
Solapur, Maharashtra: Samajwadi Party President and MLA Abu Azmi says, “… We are not complaining about anyone. We walk shoulder to shoulder, step by step, with our Hindu brothers. Never has any Muslim complained about festivals being celebrated on the roads. But today, if a… pic.twitter.com/CXrjBpdKKt
— IANS (@ians_india) June 22, 2025
‘जानबूझकर किया जा रहा परेशान’अबू आजमी ने कहा, “मैं पुणे से आ रहा था तो कहा गया कि पालकी जाने वाली है, जल्दी जाना होगा, नहीं तो रास्ता जाम हो जाएगा. हमने कभी रास्ता जाम होने का मुद्दा नहीं उठाया और न ही उसका विरोध किया. लेकिन हमारे सड़क पर नमाज पढ़ने का हर जगह विरोध किया जाता है. देश में जानबूझकर मुसलमानों को परेशान करने का काम किया जा रहा है.”
दरअसल, महाराष्ट्र में संत ज्ञानेश्वर महाराज और तुकाराम महाराज की पालकी धूमधाम से निकाली जाती है. इसी पालकी को लेकर अबू आजमी ने यह बात कही है.
‘महाराष्ट्र में मुसलमानों को किया जा रहा टारगेट’महाराष्ट्र में मस्जिदों से लाउडस्पीकर उतारे जाने का अबू आजमी विरोध करते रहे हैं. उनका कहना है कि न्यायालय ने किसी भी धार्मिक स्थान से लाउडस्पीकर हटाने का आदेश दिया था. लेकिन, महाराष्ट्र में सिर्फ मुसलमानों को टारगेट किया जा रहा है और मस्जिदों से स्थानीय नेताओं के कहने पर प्रशासन लाउडस्पीकर हटवा रहा है.
भाषा विवाद पर क्या कहा?महाराष्ट्र में एक बार फिर मराठी भाषा को लेकर राज ठाकरे मुखर हैं और हिंदी की जगह इसे प्राथमिकता दिए जाने की मांग कर रहे हैं. इस पर अबू आजमी ने कहा, “महाराष्ट्र में अगर तीन भाषाएं होती हैं तो पहली मराठी हो, दूसरी हिंदी और तीसरी अंग्रेजी. संसद की एक समिति देशभर में हिंदी को बढ़ावा देने का काम करती है. मराठी का सम्मान होना चाहिए, लेकिन हिंदी का अपमान नहीं होना चाहिए.”