महाराष्ट्र में निकाय चुनाव से पहले उद्धव ठाकरे गुट को बड़ा झटका, 7 नेताओं ने छोड़ी पार्टी

by Carbonmedia
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महाराष्ट्र में निकाय चुनाव से पहले उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) को बड़ा झटका लगा है. विदर्भ क्षेत्र के यवतमाल में उद्धव गुट के सात पूर्व पार्षदों समेत कई अन्य नेताओं ने उप-मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की पार्टी शिवसेना का हाथ थाम लिया.
पूर्व नगरसेवकों में से तीन नेर नगरपालिका (यवतमाल) के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं. गुरुवार देर रात ठाणे में शिवसेना में औपचारिक रूप से प्रवेश किया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और पार्टी के कैबिनेट मंत्री संजय राठौड़ मौजूद थे. 
कौन-कौन नेता शिवसेना में हुए शामिल?
एकनाथ शिंदे ने इस कार्यक्रम की तस्वीर एक्स पर शेयर करते हुए लिखा, ”नेर के पूर्व नगर अध्यक्ष पवन जयसवाल, सुनीता जयसवाल, विनिता मिसळे, साथ ही पूर्व नगरसेवक संदीप गायकवाड़, दिलीप मस्के, उबाठा अल्पसंख्यक आघाड़ी के रिजवान खान, पूर्व नगरसेविका सरिता मुने, कांग्रेस के जिला महासचिव लोकेश इंगोले, उनकी पत्नी और पूर्व नगरसेविका दर्शना इंगोले, राकेश नेमनवार, पूर्व नगर अध्यक्ष संतोष बोडेवार, पूर्व उपसभापति अभय डोंगरे, विलास ठाकरे, राहुल देहणकर, साजिद शरीफ, अविनाश देशमुख, तेजस ठाकरे, रूपेश ठाकरे, अमोल जाधव, शुभम राठौड़, निलेश भारती और विक्रम झाड़े का प्रवेश सम्पन्न हुआ है.”

📍 ठाणे |#यवतमाळ जिल्ह्यातील उबाठा गटाचे तीन माजी नगराध्यक्ष आणि काँग्रेस पक्षातील विविध पदाधिकाऱ्यांनी काल #शिवसेना पक्षात जाहीर प्रवेश केला. या सर्वांचे पक्षात स्वागत करून त्यांना भावी सामाजिक आणि राजकीय वाटचालीसाठी शुभेच्छा दिल्या.यात प्रामुख्याने नेरचे माजी नगराध्यक्ष… pic.twitter.com/pWX7bPPatG
— Eknath Shinde – एकनाथ शिंदे (@mieknathshinde) August 1, 2025

क्या बोले एकनाथ शिंदे?
एकनाथ शिंदे ने कहा कि यह शामिल होना उनकी पार्टी की लोकप्रियता में बढ़ोतरी का प्रमाण है. शिंदे ने कहा कि शिवसेना अपने वादों को निभाती है और यही कारण है कि महाराष्ट्र भर से, विशेषकर विदर्भ से, लोग पार्टी के नेतृत्व पर विश्वास जता रहे हैं.
यवतमाल जिले में शिंदे और उद्धव ठाकरे के बीच कड़ी राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता रही है. शिवसेना ने दावा किया है कि जल्द ही पश्चिम विदर्भ से करीब 10,000 पदाधिकारी और राजनीतिक कार्यकर्ता पार्टी में शामिल हो सकते हैं. 
लाडकी बहन योजना की तरफ इशारा
शिंदे ने कहा, “चाहे हमारी प्रिय बहनें हों, किसान हों या वरिष्ठ नागरिक, सरकार ने सभी के लिए अच्छे दिन लाए. नवंबर 2024 के विधानसभा चुनावों में महायुति को जो ऐतिहासिक जनादेश मिला, वह कोई संयोग नहीं था, वह अर्जित किया गया था.”
एकनाथ शिंदे ने लाडकी बहन योजना की तरफ इशारा करते हुए एकनाथ शिंदे ने कहा, “जहां विपक्षी पार्टियां अभी भी सत्ता के सपने देख रही है, जनता पहले ही आगे बढ़ चुकी है और महायुति की नीतियों पर भरोसा जता चुकी है. जो लोग सत्ता के सपने देख रहे थे, उन्हें जनता, खासकर हमारी बहनों ने हराया है.”

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