Maharashtra News: महाराष्ट्र में शालेय पाठ्यक्रम में हिंदी भाषा की सख्ती के विरोध में राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने आक्रामक रुख अपनाया है. दादर स्थित साने गुरुजी व आईईएस स्कूल के बाहर हस्ताक्षर अभियान चलाकर आंदोलन किया गया. इस आंदोलन को अभिभावकों का भी साथ मिला.
दरअसल, पिछले कई दिनों से महाराष्ट्र मे हिंदी की सख्ती को लेकर महाराष्ट्र में सियासत गरमाई हुई है. राज ठाकरे की पार्टी हर स्कूल के बाहर हस्ताक्षर अभियान चला रही है. महाराष्ट्र मे आने वाले दिनो मे स्थानीय चुनाव होने जा रहे हैं. ऐसे मे यह मराठी का मुद्दा चुनाव को नए रंग देगा.
‘जब सब जगह तीन भाषा तो यहां क्यों नहीं’मनसे नेता संदीप देशपांडे ने कहा, “अगर कार्यक्रम महाराष्ट्र में हो रहा है तो वहां मराठी भाषा होनी ही चाहिए. लोकल ट्रेन में तीन भाषाएं हैं, एयरपोर्ट पर तीन भाषाओं में लिखा है, तो फिर यहां क्यों नहीं. मेरे शब्द किसी को चुभे होंगे, लेकिन जो मैंने कहा, वो मैंने कहा.”
उन्होंने आगे कहा, “जब संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन हुआ था, तब चिंतामणराव देशमुख ने पंडित नेहरू से कहा था कि आपके मन में महाराष्ट्र के लिए द्वेष है, इसलिए मैं आपके मंत्रिमंडल में नहीं रहूंगा. अब वो आदर्श हमें अपनाना है या नहीं, ये हमें तय करना होगा.”
‘जिस राज्य में कार्यक्रम उस राज्य की हो भाषा’राज ठाकरे की पार्टी के नेता ने कहा कि लोकसभा ने 22 भाषाओं को मान्यता दी है, तो जिस राज्य में कार्यक्रम हो रहा है, वहां उस राज्य की भाषा नहीं होनी चाहिए? अगर मुझे इस मुद्दे पर विशेषाधिकार भंग के कार्यक्रम का सामना करना पड़े, तो मैं इसके लिए भी तैयार हूं.
‘मुझे जेल भी जाना पड़े तो जाऊंगा’उन्होंने ये भी कहा कि अपनी भाषा हमें ही संजोनी होगी. क्या बिहार के लोग आकर हमारी भाषा को संजोएंगे? मैं किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं, बल्कि एक प्रवृत्ति के खिलाफ बोल रहा हूं और अगर इसके लिए मुझे जेल जाना पड़े, तो मैं उसके लिए भी तैयार हूं.”
महाराष्ट्र में भाषा को लेकर बवाल जारी, राज ठाकरे की पार्टी ने अब उठाया ये कदम
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