Ajit Pawar On Rahul Gandhi: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर राहुल गांधी की ओर से उठाए गए सवाल समेत अन्य दूसरे मसलों पर डिप्टी सीएम अजित पवार ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने विपक्षी पार्टी को घेरते हुए कहा कि चुनाव में हार मिलने के बाद अक्सर इस तरह के सवाल उठाए जाते हैं. जब जीत मिलती है, तब ईवीएम एकदम सही होती है, लेकिन जैसे ही हार होती है, तो वही ईवीएम और वोटर्स पर सवाल उठने लगते हैं.
डिप्टी सीएम और एनसीपी प्रमुख ने कहा, ”लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी को 31 सीटें मिली थीं, जबकि एनडीए को 17 सीटें मिली थीं. वे ‘लाडली बहना योजना’, मुफ्त बिजली जैसी योजनाओं के जरिए लोगों तक पहुंचे और संसद चुनाव में झूठे नैरेटिव को मजबूती से पेश करने में कामयाब रहे. कुछ अल्पसंख्यक समुदायों की ओर से फतवे जारी हुए, जिससे उन्हें वोट मिला. हमने भी अपनी योजनाओं और रणनीतियों के तहत चुनाव लड़ा और काम किया.”
महाराष्ट्र में मराठी-हिंदी भाषा विवाद पर क्या बोले?
अजित पवार ने मराठी-हिंदी भाषा विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ”आज मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे पर एक बैठक बुलाई थी, जिसमें विस्तृत चर्चा हुई. अलग-अलग लोगों की इस विषय पर अलग-अलग राय है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मराठी भाषा को अभिजात भाषा (Classical Language) का दर्जा दिया है, जो गर्व की बात है. हम मानते हैं कि चाहे स्कूल अंग्रेजी माध्यम का हो, वहां भी मराठी भाषा अनिवार्य होनी चाहिए. पहले से लेकर चौथी कक्षा तक मराठी पढ़ाना जरूरी है.”
उन्होंने आगे कहा, ”चौथी के बाद छात्र हिंदी और अंग्रेजी जैसे विषयों का अध्ययन कर सकते हैं. जब बच्चा 10 साल का हो जाता है, तब वह भाषा के चयन को लेकर अधिक जिम्मेदारी समझ सकता है. इसी सोच के साथ सरकार ने यह निर्णय लिया है.”
ईरान-इजरायल युद्ध को लेकर अजित पवार ने क्या कहा?
ईरान-इजरायल युद्ध और प्रधानमंत्री मोदी की ओर से शांति की अपील पर अजित पवार ने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, ”ईरान और इजरायल के बीच युद्ध जैसी स्थिति बनी हुई है. ऐसे समय में सभी लोग प्रधानमंत्री के पीछे एकजुट हो जाते हैं. पहले के प्रधानमंत्रियों ने भी यही कहा था कि युद्ध नहीं होना चाहिए, क्योंकि युद्ध से हमेशा आम लोगों को तकलीफ होती है. इसलिए शांति का रास्ता निकालना चाहिए और बातचीत के जरिए समाधान की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए.”
महाराष्ट्र में भाषा विवाद के बीच CM फडणवीस ने की बैठक, अजित पवार बोले, ‘हम मानते हैं कि…’
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