केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास आठवले बुधवार (16 जुलाई) को जयपुर पहुंचे. इस दौरान मीडिया को संबोधित करते हुए कई अहम मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी. उन्होंने मराठी-हिंदी भाषा विवाद को लेकर मारपीट की घटनाओं पर ठाकरे परिवार को घेरा. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में ठाकरे गुट की ओर से हिंदी भाषी लोगों पर हो रहे अत्याचार और मारपीट की घटनाएं बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हैं.
केंद्रीय मंत्री अठावले ने भाषा को लेकर मारपीट की घटनाओं की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा, “अगर जरूरत पड़ी, तो रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के कार्यकर्ता ऐसे लोगों को मुंहतोड़ जवाब देंगे. हमारी पार्टी हिंदी भाषी समुदाय के साथ खड़ी है और उनके हक की लड़ाई हमेशा लड़ेगी.”
हाल ही में ठाणे के मीरा-भायंदर में जोधपुर स्वीट्स के गुजराती दुकानदार से MNS कार्यकर्ताओं ने मराठी में बात न करने पर मारपीट की थी. इसके साथ ही भाषा को लेकर मारपीट की कई और भी घटनाएं हुई थीं.
अठावले ने बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर भी जताई चिंता
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने बेरोजगारी जैसे ज्वलंत मुद्दों पर भी अपनी चिंता जताई. उन्होंने कहा, “रिपब्लिकन पार्टी जनता के अधिकारों और हकों की लड़ाई लड़ रही है. हम बेरोजगारी जैसे विषयों को केंद्र सरकार के समक्ष उठाएंगे और इस दिशा में ठोस कार्रवाई की मांग करेंगे.” उन्होंने भरोसा जताया कि पार्टी सामाजिक न्याय की दिशा में अपने सिद्धांतों के अनुरूप लगातार काम करती रहेगी.
राजस्थान में पार्टी के विस्तार को लेकर क्या बोले अठावले?
राजस्थान में पार्टी के विस्तार को लेकर भी अठावले ने भरोसा जताया. उन्होंने कहा, ”प्रदेश अध्यक्ष राधामोहन सैनी के नेतृत्व में पार्टी का जनाधार तेजी से बढ़ रहा है. हमारे कार्यकर्ता प्रदेश के कोने-कोने में पार्टी की विचारधारा और कार्यक्रमों को लेकर लोगों के बीच जा रहे हैं.”
बता दें कि महाराष्ट्र में 5 जुलाई को ठाकरे बंधुओं ने मराठी भाषा के मुद्दे को लेकर ‘विजय दिवस’ का आयोजन किया था और करीब 20 सालों बाद किसी सियासी मंच पर नजर आए थे. उन्होंने कहा, ”सिर्फ महाराष्ट्र और मराठी हमारे लिए एजेंडा है. हम शांत हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि हम किसी से डरते हैं. मुंबई को महाराष्ट्र से कोई भी अलग नहीं कर सकता. हिंदी अच्छी भाषा है, लेकिन इसे थोपा नहीं जा सकता है. वहीं, उद्धव ठाकरे ने भी इस मसले पर सरकार को घेरा.
महाराष्ट्र में हिंदी भाषियों पर हमले पर रामदास अठावले का बड़ा बयान, ‘अगर जरूरत पड़ी तो…’
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