महाराष्ट्र में हिंदी विवाद पर अब आई कांग्रेस की प्रतिक्रिया, वर्षा गायकवाड ने कहा- ‘MVA की पुरानी सरकार में…’

by Carbonmedia
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Maharashtra Hindi Row: कांग्रेस सांसद वर्षा गायकवाड ने बीजेपी महाराष्ट्र सरकार पर कथित ‘मराठी विरोधी’ एजेंडे के खिलाफ जनता के विरोध को दबाने और हिंदी को लागू करने के लिए झूठा प्रचार अभियान शुरू करने का आरोप रविवार को लगाया.
महाराष्ट्र की पूर्व स्कूल शिक्षा मंत्री गायकवाड ने इन दावों का भी खंडन किया कि उद्धव ठाकरे नीत पूर्ववर्ती महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत त्रि-भाषा नीति को अपनाया था.
हिंदी को तीसरी भाषा बनाने पर शुरू हुआ विवाद
वर्षा गायकवाड ने कहा, ”हम हिंदी भाषा के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन महाराष्ट्र पर इसे जबरन थोपने को बर्दाश्त नहीं करेंगे. कक्षा एक से हिंदी शुरू करने के सरकार के कदम का विपक्षी दलों ने कड़ा विरोध किया है.’
महाराष्ट्र सरकार ने 17 जून को एक सरकारी प्रस्ताव (GR) जारी कर अंग्रेजी और मराठी माध्यम के स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा एक से पांच तक के छात्रों के लिए हिंदी को सामान्य रूप से तीसरी भाषा बनाया गया, जिसके बाद से ही यह विवाद शुरू हुआ है.
‘जानबूझकर गलत सूचना फैला रही बीजेपी’
शिवसेना (उबाठा) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अपनी पार्टी कार्यकर्ताओं से महाराष्ट्र विधानसभा के मानसून सत्र के शुरू होने से एक दिन पहले रविवार को राज्य के स्कूलों में हिंदी भाषा पर GR जलाने की अपील की थी. महाराष्ट्र के मंत्री उदय सामंत ने शुक्रवार को कहा कि राज्य के स्कूलों में कक्षा एक से हिंदी को अनिवार्य बनाने की नीति को एमवीए सरकार के कार्यकाल के दौरान मंजूरी दी गई थी.
गायकवाड ने एक बयान में आरोप लगाया, जैसा कि देखा जा सकता कि बीजेपी के हिंदी एजेंडे के खिलाफ महाराष्ट्र एकजुट है, ऐसे में सत्तारूढ़ पार्टी और उसके सहयोगी जानबूझकर गलत सूचना फैला रहे हैं और इस एकता को तोड़ने व विरोध की आवाज को दबाने के लिए झूठे संदर्भों का हवाला दे रहे हैं. उन्होंने इन दावों का खंडन किया कि पूर्ववर्ती एमवीए सरकार ने NEP 2020 के तहत त्रि-भाषा फॉर्मूले को स्वीकार किया था. 
शिक्षा मंत्री झूठी बातों को बढ़ावा दे रहे- वर्षा गायकवाड
कांग्रेस सांसद वर्षा गायकवाड ने कहा, ”जिस डॉ. रघुनाथ माशेलकर समिति का हवाला दिया जा रहा है, उसे स्कूल शिक्षा विभाग ने नियुक्त नहीं किया था. इसका उद्देश्य उच्च और तकनीकी शिक्षा विभाग से संबंधित NEP प्रावधानों की समीक्षा करना था, न कि स्कूली शिक्षा से.”
उन्होंने कहा, ”यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि तत्कालीन उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय सामंत अब झूठी बातों को बढ़ावा दे रहे हैं. स्कूली शिक्षा मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान NEP के कई पहलू महाराष्ट्र के हितों के खिलाफ पाए गए.”
‘झूठ का सहारा ले रही सरकार’
गायकवाड ने कहा कि इसके अनुसार, स्कूली शिक्षा पर नीति के प्रभावों का आकलन करने के लिए शिक्षा आयुक्त के तहत विभिन्न अध्ययन समूह बनाए गए थे. इस आशय का एक सरकारी प्रस्ताव (GR) 24 जून 2022 को जारी किया गया था.
एमवीए सरकार से त्रि-भाषा फॉर्मूले को स्वीकार करने के आरोपों को खारिज करते हुए गायकवाड ने कहा, यह पूरी तरह से झूठ है. यह सरकार अपने स्वयं के निर्णयों से ध्यान हटाने के लिए झूठ का सहारा ले रही है. उन्होंने कहा, हमने सभी स्कूलों, सभी माध्यमों, बोर्डों और प्रबंधनों में कम से कम कक्षा आठ तक मराठी को अनिवार्य बनाने वाला कानून पारित किया.

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