महाराष्ट्र विधानसभा परिसर में गुरुवार (17 जुलाई) को हुई हाथापाई की घटना के कारण विधानसभा की काफी बदनामी हुई है. इस पर नियंत्रण लाने के लिए अब विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने सदन में बड़ा ऐलान किया है.
राहुल नार्वेकर ने घोषणा की है कि संसद की एथिक्स कमिटी की तर्ज पर यहां भी एक ऐसी समिति विधान परिषद के सभापति से चर्चा कर गठित की जाएगी.
इसके साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अगले सत्र से केवल विधिमंडल सदस्य, उनके निजी सहायक और शासकीय अधिकारी ही विधानमंडल परिसर में प्रवेश कर सकेंगे. अन्य किसी भी व्यक्ति को परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी.
दोनों विधायकों ने जताया खेदबता दें कि गुरुवार को घटना में शामिल एक व्यक्ति विधायक जितेंद्र आव्हाड के साथ और दूसरा विधायक गोपीचंद पडळकर के साथ बिना प्रवेश पत्र के अवैध रूप से विधानसभा परिसर में आया था. इस पर अध्यक्ष ने दोनों विधायकों को सुझाव दिया कि वे सदन में माफी मांगें. दोनों सदस्यों ने इस पर खेद व्यक्त किया.
कई धाराओं में केस दर्जहाथापाई करने वालों में से एक व्यक्ति आव्हाड के साथ था, जबकि बाकी छह से सात लोग पडळकर के साथ आए थे. इन सभी पर विभिन्न धाराओं के तहत मामले दर्ज किए गए हैं और उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन की कार्रवाई भी की जाएगी.
‘विधानसभा की छवि हुई धूमिल’विधानसभा अध्यक्ष ने यह स्पष्ट किया कि जो व्यक्ति विधायक के साथ विधानमंडल परिसर में आते हैं, उनकी पूरी जिम्मेदारी संबंधित विधायक की होगी. अध्यक्ष ने कहा कि ऐसी घटनाओं के कारण जनता के बीच विधानसभा की छवि धूमिल हुई है.
‘इस पर सियासत न करें’वहीं इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “इस विषय की गंभीरता को समझिए. जनता आपके बारे में क्या सोच रही है, यह देखिए. जनभावनाओं का ध्यान रखिए और कृपया इस पर राजनीति न कीजिए.
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