स्मोकिंग की लत महिलाओं में तेजी से बढ़ी है. किसी को आदत पड़ गई है तो कोई सिगरेट के कश को स्टेटस सिंबल बनाए हुए है. लेकिन ये शाैक उन्हें जानलेवा बीमारी की ओर धकेल सकता है. स्मोकिंग से ब्रेस्ट कैंसर का रिस्क बढ़ सकता है. जिसका समय से इलाज नहीं किया जाए तो स्थिति खतरनाक हो जाती है. महिलाओं के लिए स्मोकिंग किस तरह खतरनाक हो सकती है आइए जानते हैं…
क्या होता है ब्रेस्ट कैंसर?
ब्रेस्ट कैंसर एक तरह का ऐसा कैंसर है, जो ब्रेस्ट के टिश्यूज और ग्लैंड्स से शुरु होता है. यह कैंसर एक ट्यूमर के रूप में होता है, जिसे किसी गांठ के तौर पर महसूस किया जा सकता है. एक्स-रे की मदद से भी इसको देखा जा सकता है. हालांकि, इसको लेकर इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि सभी गांठ कैंसर नहीं होती हैं. ऐसे में ब्रेस्ट में किसी भी तरह का बदलाव होने पर डाॅक्टर से सलाह लेना उचित होता है. अगर सही समय ब्रेस्ट कैंसर के बारे में पता लग जाए तो इसका इलाज आसान हो जाता है. मरीज की जिंदगी बचाई जा सकती है.
30 परसेंट बढ़ा रिस्क
सिगरेट में पाए जाने हानिकारक केमिकल स्मोकिंग से बाॅडी में एंटर हो जाते हैं. ये ब्रेस्ट सेल्स को डैमेज करना शुरू कर देते हैं. एक स्टडी के अनुसार स्मोकिंग करने वाली महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा 30 परसेंट ज्यादा होता है. ऐसी महिलाएं जो 20 साल की कम उम्र से स्मोकिंग कर रही हैं. या फिर अपने पहले बच्चे के पैदा होने के पांच साल पहले से स्मोकिंग शुरू कर देती हैं. ऐसी महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर होने का रिस्क कई गुना बढ़ जाता है.
इनको खतरा अधिक
एक अन्य स्टडी में सामने आया कि 21 वर्षों से लगातार स्मोकिंग करने वाली प्री-मोनोपॉजल महिलाओं में रिस्क बढ़ जाता है. इनमें ब्रेस्ट कैंसर से माैत का रिस्क 3.4 गुना बढ़ सकता है. हालांकि स्टडी में पोस्ट-मोनोपॉजल महिलाओं के संबंध में कुछ स्पष्ट नहीं किया गया. ऐसे में ब्रेस्ट कैंसर के रिस्क को कम करने के लिए हेल्थ एक्सपर्ट्स की ओर से महिलाओं को स्मोकिंग से दूरी बनाने की सलाह दी जाती है. सिर्फ ब्रेस्ट ही नहीं बल्कि स्मोकिंग लंग्स, हार्ट, किडनी समेत अन्य ऑर्गन के लिए भी खतरा बन सकती है.
ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण
अधिकांश मामलों में स्तन में बिना दर्द की गांठ हो जाती है, जिसे छूने पर सख्त महसूस होता है. कभी-कभी स्तन का कोई भाग मोटा या उभर जाता है और उसमें लंप्स हो जाता है.
ब्रेस्ट ऊपर से अपने रूप और आकार में परिवर्तन कर लेता है.
स्किन के रंग में परिवर्तन होने लगता है. स्किन में गढ्ढा होने लगता है. हल्का लालिमा भी दिखने लगता है.
निप्पल और निप्पल के आसपास स्किन बदलने लगता है. रंग में भी परिवर्तन हो सकता है.
निप्पल से असामान्य तरल पदार्थ निकलने लगता है.
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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.