‘महिला ने FIR में…’, दिल्ली की अदालत ने रेप के आरोपी को बस इतना कहकर दे दी जमानत, जानिए मामला

by Carbonmedia
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Delhi Latest News: दिल्ली की एक कोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपी एक व्यक्ति को यह कहते हुए जमानत दे दी कि शिकायतकर्ता ने उसे लंबे समय से जानने के बावजूद एफआईआर में झूठा दावा किया कि वह उसे नहीं जानती है. अतिरिक्त सत्र जस्टिस कपिल कुमार आरोपी धीरज कुमार की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहे थे और उसका पक्ष रखने के लिए प्रदीप खत्री में पेश हुए थे. धीरज कुमार के खिलाफ बेगमपुर पुलिस थाना में रेप और आपराधिक धमकी के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है.
9 और 13 फरवरी को आरोपी ने यौन उत्पीड़न किया
कोर्ट ने 27 मई को पारित आदेश में कहा गया कि एफआईआर में महिला ने दावा किया है कि 9 और 13 फरवरी को आरोपी ने उसका यौन उत्पीड़न किया और वह उसे नहीं जानती. खत्री ने दलील दी कि महिला 2022 में सुरेश नामक व्यक्ति के घर में आरोपी के साथ रह चुकी है और उन्होंने मकान मालिक के बयान का हवाला दिया.
कोर्ट ने इस तथ्य पर संज्ञान लिया और कहा कि इससे एफआईआर के तथ्यों की विश्वसनीयता को गंभीर नुकसान पहुंचा है, जिसमें महिला ने घटना से पहले आरोपी को न जानने का बयान दर्ज किया है. कोर्ट ने जांच अधिकारी के इस कथन पर भी संज्ञान लिया कि महिला लंबे समय से कुमार के संपर्क में थी और फोन कॉल के रिकॉर्ड से जानकारी मिली है कि कथित अपराध से पहले महिला ने कुमार और उनकी मां को ‘‘सैकड़ों (फोन) कॉल’’ किए थे.
क्या है पूरा मामला?
आदेश में कहा गया है, ‘‘रिपोर्ट के मुताबिक, अभियोक्ता उस लड़की के संपर्क में थी, जिसके साथ आरोपी की शादी तय हुई थी. जांच अधिकारी ने उस लड़की से पूछताछ की, जिसके साथ आरोपी की शादी तय हुई थी, और अभियोक्ता और उस लड़की के बीच रिकॉर्ड पर मौजूद व्हाट्सऐप चैट को सत्यापित किया, जिसमें अभियोक्ता ने उस लड़की से आरोपी के साथ संबंध तोड़ने के लिए कहा था.’’
कोर्ट ने कहा कि यह पाया गया कि महिला आरोपी के साथ रिश्ते में थी लेकिन इस तथ्य का उल्लेख उसने एफआईआर में नहीं की. जस्टिस ने कहा कि यह भी सामने आया कि कुमार के भाई ने कई मौकों पर महिला के बैंक खाते में धनराशि हस्तांतरित की.
कोर्ट ने आगे क्या कहा?
कोर्ट ने आगे कोई टिप्पणी करने से परहेज करते हुए कहा कि मामले में आरोपपत्र दाखिल कर दिया गया है, लेकिन मुकदमे में समय लगेगा. कुमार का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और इसलिए उन्हें 50,000 रुपये के मुचलके और जमानती बॉन्ड पर जमानत दी जाती है.

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