हरियाणा के महेंद्रगढ़ के हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेंवि) में हरित क्रांति के जनक भारत रत्न डॉ. एमएस स्वामीनाथन की 100वीं जयंती कृषक कृतज्ञता दिवस के रूप में आयोजित किया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए 10 गांवों एवं अन्य गावों के सरपंच एवं कृषकों को सम्मानित किया गया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने इस अवसर पर किसानों की चुनौतियों को समझने और व्यावहारिक समाधान विकसित करने के लिए, उनके साथ मिलकर काम करने वाले वैज्ञानिकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस प्रयास का अंतिम लक्ष्य किसानों की आय को दोगुना करना है। उन्होंने भारतीय कृषि में बदलाव लाने और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में डॉ. स्वामीनाथन की विरासत को भी स्वीकार किया। प्रो. टंकेशवर कुमार ने कहा कि कृषकों के प्रति अपनी कृतज्ञता जाहिर करने वाला हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय एक अनूठा संस्थान है। मुख्य अतिथि माननीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री, भारत सरकार भागीरथ चौधरी इस कार्यक्रम में व्यक्तिगत रूप से शामिल नहीं हो सके, लेकिन उन्होंने इस सार्थक समारोह के आयोजन के लिए विश्वविद्यालय को बधाई देते हुए एक हार्दिक संदेश भेजा। अपने संदेश में उन्होंने किसान कल्याण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई और शिक्षा जगत और कृषि समुदाय के बीच संबंध मजबूत करने में हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रयासों की सराहना की। कार्यक्रम में प्रो. रूपेश देशमुख ने हरित क्रांति के जनक माने जाने वाले भारत रत्न डॉ. एमएस स्वामीनाथन के संक्षिप्त परिचय दिया, जिसमें उन्होंने किसानों और राष्ट्र के प्रति उनके अमूल्य योगदान और उनके सम्मान में प्रतिवर्ष विश्वविद्यालय में इस दिवस को मनाने के महत्व पर प्रकाश डाला। सम्मान और कृतज्ञता के प्रतीक के रूप में कुलपति प्रो. टंकेशवर कुमार ने हरियाणा के सरपंचों और प्रगतिशील किसानों को औपचारिक रूप से पगड़ी भेंट कर सम्मानित किया। उन्होंने प्रत्येक किसान से व्यक्तिगत रूप से बातचीत की। उनकी कृषि पद्धतियों और प्रगति पर चर्चा की, जो किसान-केंद्रित अनुसंधान और आउटरीच के प्रति विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। ये रहे उपस्थित भाग लेने वाले सरपंचों में खुडाना की सरपंच अंजू तंवर, पाली के सरपंच देशराज सिंह, गढ़ी के सरपंच कर्मबीर सैनी, बास खुडाना के सरपंच रतन सिंह, धोली के सरपंच अमित, बसई के सरपंच भगत सिंह आदि शामिल थे। मुख्य अतिथि, हरियाणा गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष, श्रवण कुमार गर्ग ने गोशालाओं के साथ अपने व्यापक अनुभव साझा किए और टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देने में गौ-आधारित अर्थव्यवस्था की क्षमता पर बात की।
उन्होंने पारंपरिक प्रथाओं पर प्रकाश डाला और भारतीय विरासत में निहित पर्यावरण-अनुकूल, समग्र कृषि मॉडल अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम में विशिष्ठ अतिथि मोहित वर्मा, आईईएस, संयुक्त निदेशक, जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार ने किसानों को समर्थन देने के उद्देश्य से विभिन्न सरकारी पहलों पर विस्तार से बताया।
उन्होंने विशेषकर जैविक खेती और जल संरक्षण को बढ़ावा देने पर बल दिया। उन्होंने युवाओं और शोधकर्ताओं को भारत के कृषि-पारिस्थितिकी तंत्र में सक्रिय रूप से योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया।
महेंद्रगढ़ के हकेंवि में कृषक कृतज्ञता दिवस आयोजित:विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए 10 गांवों, सरपंच एवं किसानों को सम्मानित किया
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