UP News: यूपी के महोबा में शनिवार शाम करीब डेढ़ घंटे की झमाझम बारिश ने गर्मी और उमस से राहत तो दी, लेकिन नगर पालिका की लापरवाही ने शहरवासियों की मुश्किलें और बढ़ा दीं. बारिश के कारण कचहरी परिसर, जिला अस्पताल, नवीन गल्ला मंडी, और कई मोहल्लों में गंभीर जलभराव की स्थिति बन गई, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया.
बारिश का पानी गलियों और वकीलों के बैठने की जगह पर जमा हो गया, जिससे अधिवक्ताओं को कोर्ट पहुंचने में दिक्कत हुई. दूर-दराज से आए वादकारी भी अपने मामलों की तारीख नहीं ले सके. अधिवक्ता मुकीत खान ने बताया कि हमने कई बार नगर पालिका को जलनिकासी की समस्या के बारे में बताया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.
जिला अस्पताल में सांप, मरीजों में दहशत
जिला अस्पताल में जलभराव के बीच दो सांप के बच्चे तैरते दिखे, जिससे मरीजों और तीमारदारों में दहशत फ़ैल गयी. जबकि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया. तीमारदारों ने बताया कि हर बारिश में अस्पताल परिसर का बुरा हाल हो जाता है, फिर भी कोई ध्यान नहीं देता.
नवीन गल्ला मंडी बन गयी तालाब
गल्ला मंडी में जलभराव ने व्यापारियों और किसानों को भारी नुकसान पहुंचाया. खुले में रखी अनाज की बोरियां और वारदाना भीगकर बर्बाद हो गए. दुकानों का सामान भी खराब हुआ. मंडी में काम करने वाली मीरा ने बताया कि हर बारिश में यही हाल होता है. नालियां चोक हैं पानी निकलने का कोई रास्ता नहीं. नगर पालिका कोई ध्यान नहीं देता.
काजीपुरा और परमानंद में बुरा हाल
शहर के काजीपुरा और परमानंद मोहल्लों में गलियों और दुकानों के सामने पानी भरने से लोगों का आना-जाना मुश्किल हो गया. स्थानीय नागरिकों ने गुस्सा जताते हुए कहा कि हर साल यही समस्या है. नालियों की सफाई नहीं होती, और जलनिकासी की कोई व्यवस्था नहीं. नगर पालिका को स्थायी समाधान करना चाहिए.
महोबा में झमाझम बारिश बनी मुसीबत, नगर पालिका की लापरवाही से कोर्ट-हॉस्पिटल तक डूबे
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