महोबा में बारिश के बाद आल्हा-ऊदल गांव में जलभराव, फोरलेन हाईवे निर्माण बना इसकी वजह?

by Carbonmedia
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महोबा जनपद के वीरता और गौरव के प्रतीक वीर आल्हा-ऊदल का पैतृक गांव दिसरापुर आज एक जलभराव से जूझ रहा है. पिछले 24 घंटे से हो रही मूसलाधार बारिश ने पूरे गांव को जलमग्न कर दिया है. हालात इतने बदतर हो गए हैं कि गांव की गलियों से लेकर घरों तक सिर्फ पानी ही पानी नजर आ रहा है.
बिलबई ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले इस गांव में जलनिकासी की व्यवस्था पूरी तरह ठप है. कारण है फोरलेन हाईवे निर्माण, जिसने दिसरापुर तालाब के पानी के प्राकृतिक निकास को बंद कर दिया. तालाब लबालब हो चुका है और पानी का बहाव न होने से पूरे गांव में भर गया है.
गांव के लगभग 20 कच्चे मकान तबाह
इस पानी ने गांव के लगभग 20 कच्चे मकानों को गिराकर तबाह कर दिया है. रामप्रसाद रैकवार, वनमाली रैकवार, नारायण दास, देशराज, गणेश, भरत, चेतराम, मनोज पूर्णिया, दयाराम, रामदयाल, भगवानदास, कल्लू, हरिश्चंद्र, जितेंद्र समेत कई ग्रामीणों के घर या तो ढह गए या बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं.
ग्रामीणों ने कई बार जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया
घरों में रखा अनाज सड़ गया, बर्तन और जरूरत का सामान पानी में बह गया. लोग भूखे हैं, जानवर चारा और पानी के बिना तड़प रहे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि इस समस्या को लेकर उन्होंने पूर्व में कई बार जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया था. प्रशासन से गुहार लगाई थी कि फोरलेन के चलते बंद हुए निकास को खोला जाए, परंतु कोई सुनवाई नहीं हुई.
बरसते पानी में खुद और बच्चों के बचा रहे हैं लोग
गांव में स्थिति इतनी भयावह है कि लोग अपने ही मकानों के बाहर, बरसते पानी में किसी तरह खुद को और अपने बच्चों को बचाने में लगे हैं. न बिजली है, न खाना, न पीने का साफ पानी. गांव में राहत या बचाव के नाम पर कोई सरकारी पहल अब तक नहीं हुई है.
लापरवाही के कारण जल भराव से जूझ रहा है गांव
दिसरापुर जो वीर आल्हा-ऊदल जैसे महापुरुषों की भूमि है, आज प्रशासन की लापरवाही के कारण जल भराव से जूझ रहा है. इतिहास के इस गौरवशाली गांव के लोग आज अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं, और सरकार की ओर टकटकी लगाए मदद की आस में हैं.

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