माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान से अपना कामकाज बंद किया:यह वहां बिगड़ते हालात का नतीजा, कंपनी अब रीजनल ऑफिस और लोकल पार्टनर्स के जरिए सर्विस देगी

by Carbonmedia
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टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने 25 साल तक पाकिस्तान में काम करने के बाद वहां अपना ऑपरेशन बंद कर दिया है। कंपनी अब अपने ग्लोबल प्लान के तहत क्लाउड-बेस्ड और पार्टनरशिप वाले मॉडल पर फोकस कर रही है। 2000 में माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान में अपना ऑफिस शुरू किया था, लेकिन अब वो वहां से सीधे काम नहीं करेगी। इसके बजाय, कंपनी अपने रीजनल ऑफिस और लोकल पार्टनर्स के जरिए कस्टमर्स को सर्विस देगी। पूर्व राष्ट्रपति ने इसे बताया खराब संकेत
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अरिफ अल्वी ने इस खबर को देश के लिए ‘खराब संकेत’ बताया। उन्होंने X पर लिखा कि ये कदम दिखाता है कि पाकिस्तान में अनिश्चितता बढ़ रही है, बेरोजगारी चरम पर है और टैलेंटेड लोग देश छोड़ रहे हैं। अल्वी ने कहा कि माइक्रोसॉफ्ट पहले पाकिस्तान में बड़ा ऑफिस खोलने की सोच रही थी, लेकिन वहां की अस्थिरता के चलते उसने वियतनाम को चुन लिया। माइक्रोसॉफ्ट पाकिस्तान के पुराने कंट्री मैनेजर ने लिखा ‘एक युग का अंत’
माइक्रोसॉफ्ट पाकिस्तान के पुराने कंट्री मैनेजर जवाद रहमान ने भी लिंक्डइन पर इस खबर की पुष्टि की और इसे ‘एक युग का अंत’ बताया। उन्होंने कहा कि ये सिर्फ कंपनी का फैसला नहीं, बल्कि पाकिस्तान में बिजनेस के लिए बिगड़ते हालात का नतीजा है। रहमान ने सरकार और आईटी मंत्रालय से अपील की कि वो टेक कंपनियों को सपोर्ट करने के लिए बेहतर प्लान बनाएं। पाकिस्तान के आईटी और टेलीकॉम मंत्रालय ने दी सफाई
पाकिस्तान के आईटी और टेलीकॉम मंत्रालय ने सफाई दी कि माइक्रोसॉफ्ट पूरी तरह से देश छोड़ नहीं रही। कंपनी अब अपने रीजनल ऑफिस और पार्टनर्स के जरिए काम करती रहेगी। 9,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकालेगी माइक्रोसॉफ्ट
अमेरिकी टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट करीब 9,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की प्लानिंग कर रही है। ये इस साल का दूसरा सबसे बड़ा ले-ऑफ होगा। 2 महीने पहले कंपनी ने करीब 6,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला था। CNBC की रिपोर्ट के मुताबिक इस छंटनी से कंपनी के 4% कर्मचारी प्रभावित होंगे। कंपनी का कहना है कि हम ऑर्गेनाइजेशन में लगातार ऐसे बदलाव कर रहे हैं, जिससे बदलते बाजार में सफल हो सकें। 1975 में शुरू हुई माइक्रोसॉफ्ट
माइक्रोसॉफ्ट कंपनी की शुरुआत तब हुई जब ज्यादातर अमेरिकी टाइपराइटर्स का इस्तेमाल करते थे। बिल गेट्स ने अपने बचपन के दोस्त पॉल एलन के साथ इसकी नींव 1975 में रखी। माइक्रोप्रोसेसर्स और सॉफ्टवेयर के शुरुआती शब्दों को जोड़कर इसका नाम माइक्रोसॉफ्ट रखा गया। शुरुआत में कंपनी ने पर्सनल कंप्यूटर अल्टएयर 8800 के लिए सॉफ्टवेयर बनाए। साल 1985 में माइक्रोसॉफ्ट ने नया ऑपरेटिंग सिस्टम लॉन्च किया।

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