Maharashtra News: राज्य में मानसून की दस्तक के बाद सोमवार सुबह से मुंबई में जोरदार बारिश शुरू हो गई है. मौसम विभाग ने मुंबई के लिए येलो अलर्ट जारी किया है और कुछ घंटों तक तेज बारिश और तेज हवाएं चलने की चेतावनी दी गई है. फिलहाल मुंबई शहर और उपनगरों में जोरदार बारिश हो रही है. बीते कुछ घंटों की बारिश के कारण पहले ही निचले इलाकों और रेलवे ट्रैकों पर पानी जमा हो गया है.
माटुंगा, मस्जिद बंदर जैसे रेलवे स्टेशनों पर पानी भर चुका है. मस्जिद बंदर स्टेशन पर पानी प्लेटफॉर्म की ऊंचाई तक पहुंच गया है, जिससे ट्रेनों की आवाजाही कभी भी रुक सकती है. फिलहाल मध्य और हार्बर रेलवे की ट्रेनों में 20-25 मिनट की देरी हो रही है, जिससे ऑफिस जाने वाले यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जोरदार बारिश की वजह से वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर भारी ट्रैफिक जाम है, जबकि ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे और एलबीएस रोड पर भांडुप, कांजूर और सायन इलाकों में भी जाम लग गया है.
बीएमसी युद्धस्तर पर जुटी
मुंबई में हो रही लगातार बारिश से कई इलाकों में पानी जमा हो गया है. इस पर बीएमसी ने एक पोस्ट जारी कर बताया कि बारिश की स्थिति को देखते हुए सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट और अन्य आवश्यक सेवाओं के अधिकारी और कर्मचारी फील्ड पर मौजूद हैं. बारिश के पानी के साथ बहकर आने वाला कचरा मैनहोल या नालों में न फंसे, इसके लिए सफाईकर्मी लगातार मेहनत कर रहे हैं. साथ ही दुर्गंध फैलने से रोकने और इलाकों को स्वच्छ रखने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं.
अंधेरी सबवे में पानी भरने से बंद
मुंबई के पश्चिमी उपनगरों में पिछले आधे घंटे से हो रही तेज बारिश के कारण अंधेरी सबवे में 2 से 2.5 फीट तक पानी भर गया है. सबवे को ट्रैफिक के लिए बंद कर दिया गया है. अंधेरी पुलिस ने बैरिकेडिंग कर रास्ता बंद कर दिया है और ड्राइवरों को गोखले ब्रिज का इस्तेमाल करने की सलाह दी है. बीएमसी के कर्मचारी जनरेटर की मदद से पानी निकालने के प्रयास कर रहे हैं.
आपदा प्रबंधन की त्वरित कार्रवाई
मुंबई में बारिश के चलते जिन इलाकों में पानी भर गया है, वहीं मुंबई महानगरपालिका के आपदा प्रबंधन विभाग ने तत्काल कार्रवाई शुरू कर दी है. संबंधित वॉर्ड ऑफिसों से संपर्क कर पानी निकालने के निर्देश दिए गए हैं. बीएमसी की टीम सुबह से ही कार्य में जुटी है ताकि जल निकासी और ट्रैफिक व्यवस्था बनी रहे.
अस्पताल में भरा पानी
केईएम अस्पताल परेल के ग्राउंड फ्लोर पर जलभराव हो गया है. इससे अस्पताल के बाल चिकित्सा देखभाल इकाई सहित कई विभाग प्रभावित हुए हैं, जहां इंच-गहरे पानी के कारण मरीजों और स्टाफ को काफी असुविधा का सामना करना पड़ा है. यह घटना अस्पताल की बुनियादी ढांचे और आपातकालीन तैयारियों पर गंभीर सवाल उठाती है.
इससे पहले भी, अगस्त 2017 में, केईएम अस्पताल में भारी बारिश के चलते ग्राउंड फ्लोर के वार्डों में पानी भर गया था, जिससे लगभग 45-50 मरीजों को ऊपरी मंजिलों पर स्थानांतरित करना पड़ा था. यह स्थिति मुंबई के सार्वजनिक अस्पतालों की जल निकासी प्रणाली की कमजोरियों को उजागर करती है, विशेषकर मानसून के दौरान.
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