मानसून सत्र से पहले महाविकास अघाड़ी ने किया सरकार के जलपान का बहिष्कार, आदित्य ठाकरे बोले- ‘ये पाप…’

by Carbonmedia
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Maharashtra News: महाराष्ट्र में सोमवार (30 जून) से शुरू हो रहे मानसून सत्र की पूर्व संध्या पर महाविकास अघाड़ी ने सरकार की तरफ से होने वाले जलपान का बहिष्कार किया है. विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने कहा कि राज्य में बिगड़ती कानून-व्यवस्था, किसानों के प्रति सरकार की असंवेदनशीलता, किसानों की दयनीय स्थिति और मंत्रियों की संलिप्तता वाले विभिन्न भ्रष्टाचार मामलों को देखते हुए ये फैसला लिया गया है.
अर्थसंकल्पीय सत्र की पृष्ठभूमि में रविवार (29 जून) को विपक्ष के नेता अंबादास दानवे के सरकारी निवास अजिंक्यतारा पर महाविकास आघाड़ी के नेताओं ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की. इस दौरान उन्होंने सरकार के कार्यकाल में हुए घोटालों, अत्याचार की घटनाओं और आम जनता और किसानों के साथ हो रही धोखाधड़ी का दावा करते हुए सरकार की आलोचना की.
इस बैठक में शिवसेना (उद्धव बाळासाहेब ठाकरे गट) के नेता और विधायक आदित्य ठाकरे, प्रतोद और विधायक सुनील प्रभू, विधायक सचिन अहिर, कांग्रेस के विधायक दल के नेता विजय वडेट्टीवार, कांग्रेस विधायक उपनेता अमीन पटेल, कांग्रेस विधायक सतेज पाटील, राष्ट्रवादी कांग्रेस (शरदचंद्र पवार गुट) के विधायक जितेंद्र आव्हाड और शशिकांत शिंदे मौजूद रहे.
‘सत्ताधारी दल अपराध में लिप्त’अंबादास दानवे ने सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा, “सत्ताधारी दल के लोग अलग-अलग अपराधों में लिप्त हैं, उन्हें पुलिस का संरक्षण प्राप्त है और मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री उन्हें प्रोत्साहन दे रहे हैं. बीजेपी और गद्दारों ने महाराष्ट्र को गर्त में ढकेल दिया है.”
जलपान में शामिल होना पाप- आदित्य ठाकरेउनके अलावा आदित्य ठाकरे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर तंज कसते हुए कहा, “महाराष्ट्र विरोधियों के चायपान कार्यक्रम में शामिल होना पाप के समान है. जो लोग भ्रष्टाचार के दाग लेकर उस कार्यक्रम में जाएंगे, उन्हीं को देखकर मुख्यमंत्री कहेंगे इन्हीं लोगों पर मैंने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे.” उन्होंने आगे कहा, “जिस समृद्धि महामार्ग को मेरे दादाजी के नाम पर नामित किया गया है, उसी पर गड्ढे पड़ गए हैं, वहां नदी बह रही है. यह सब क्या हो रहा है?”
कांग्रेस ने लगाए भ्रष्टाचार के आरोपवहीं कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने आरोप लगाते हुए कहा, “यह सरकार पूरी तरह से भ्रष्टाचार में डूबी हुई है. कोई काम बिना पैसे दिए नहीं होता. अगर किसी को फंड चाहिए, तो पहले प्रतिशत तय करना पड़ता है. “उन्होंने आगे कहा, “प्याज, कपास और सोयाबीन को सही कीमत नहीं मिल रही. कपास में कीड़ा नहीं लगा, फिर भी सरकार ने कोई मदद नहीं दी. सत्ता में आते ही सरकार ने जनता को भगवान भरोसे छोड़ दिया है. इसलिए हमने सरकार के चायपान कार्यक्रम का बहिष्कार किया है.”
जितेंद्र आव्हाड़ ने बोला हमलाउनके अलावा शरद पवार गुट के नेता जितेंद्र आव्हाड ने कहा, “महायुती सरकार पूरी तरह से राजनीतिक रूप से विफल हो चुकी है. इनका राजनीतिक जुआ अब हास्यास्पद और घृणित बन चुका है.” सतेज पाटील ने पूछा, “शक्तिपीठ महामार्ग का 12 जिलों के किसान विरोध कर रहे हैं, तो उसे राजनीतिक रंग क्यों दिया जा रहा है? यह राज्य की आर्थिक स्थिति को प्रभावित करेगा. इस अनावश्यक महामार्ग को रद्द किया जाए.”

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