मिशन आगाज संस्था 33 साल से हर माह 25 हजार खर्च 5 हजार फ्री पौधे बांट समाज को कर रही प्रेरित

by Carbonmedia
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भ्रष्टाचार अधिकारी लहर हरियावल में बने हैं रुकावट दीपक बब्बर ने एक अन्य वाक्य का जिकर करते हुए बताया कि पूर्व अकाली सरकार के दौर में रेसकोर्स रोड पर एक साथ 326 वृक्ष काटकर भवन बना दिया गया। जब आरटीआई से डाटा निकाला गया तो ठेकेदार ने प्रति वृक्ष की कटाई का अधिकारियों के साथ मिलीभगत से केवल 10 हजार रुपए प्रति वृक्ष का टेंडर लिया हुआ था जबकि एक वृक्ष की कीमत ही लगभग एक लाख रुपए है जबकि 326 वृक्षों की कीमत 326 लाख रुपए से अधिक होनी चाहिए थी लेकिन टेंडर दस हजार प्रति वृक्ष से भी कम का लिया गया था, यह सब अकेले ठेकेदार की सहमति से नहीं बल्कि समस्त पक्षों की मिलीभगत से ही संभव हो पाया था। इस सप्ताह…मिशन आगाज संस्था भास्कर न्यूज| अमृतसर पर्यावरण प्रेमी दीपक बब्बर की अगुवाई में मिशन आगाज पिछले 33 साल से शहर को प्रदूषण मुक्त और हरा-भरा बनाने में जुटा है। संस्था के 150 से अधिक सक्रिय सदस्य शहर को हरा-भरा बनाने के अपने मिशन के तहत लोगों में हरियावल लहर प्रति जागरुकता फैलाने में जुटे हुए हैं। संस्था के हरियावल लहर दस्ते के सदस्य हर माह अपनी जेब से 25 हजार रुपए से अधिक राशि खर्च कर पौधारोपण मुहिम के तहत हर साल शहरवासियों को न सिर्फ पांच हजार से अधिक पौधे बांटते हैं बल्कि लोगों के घरों-सड़कों के किनारों पर भी फ्री पौधे खुद लगवाते हैं। इसके लिए उन्होंने तीन माली व दो मजदूर भी स्थायी नौकरी पर रखे हुए हैं जिन्हें हर माह मेहनताना अथवा वेतन भी संस्था की तरफ से प्रदान किया जाता है। शहर के किसी भी घर-छत्तों पर पौधारोपण की कोई शहरवासी मांग करता है तो उक्त माली व मजदूरों को इस काम के लिए भी भेजा जाता है। ऐसे ही सड़कों के किनारों, पार्कों, स्कूलों में भी पौधारोपण के लिए इन्हें भेजा जाता है। मिशन आगाज द्वारा हर साल लगाए जाने वाले पौधो का पालन पौषण भी किया जाता है। उक्त पौधों की सांभ-संभाल का दायित्व भी संस्था के कंधों पर है। समय समय पर मजदूर व माली पहले के सालों में लगाए गए इन पौधों की सेवा-संभाल भी करते हैं। सरकारी मिलीभगत से कट रहे पेड़, मिशन हरियावल अभी भी अधूरा मिशन आगाज के प्रधान दीपक बब्बर ने कहा कि सरकारों की लापरवाही और विभागों में फैले भ्रष्टाचार के कारण 33 साल बाद भी मिशन हरियावल अधूरा है। उन्होंने कहा कि पेड़ कटते रहे हैं और कटते रहेंगे। सरकारी विभागों के भ्रष्ट अधिकारियों और व्यापारियों की मिलीभगत से पेड़ों की कटाई का सिलसिला थम नहीं रहा है। दीपक बब्बर ने कहा कि कुछ लोग पैसों के लालच में पेड़ों का कत्ल कर रहे हैं। हम लोग भी पेड़ों को बचाने के लिए संघर्ष करते रहे हैं और करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि वे अपना काम कर रहे हैं और हम अपना। वजह साफ है, भ्रष्टाचार के हमाम में सभी नंगे हैं।

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