मुंबई एयरपोर्ट पर पुलिस ने 2 बांग्लादेशी को किया गिरफ्तार, फर्जी पासपोर्ट बरामद

by Carbonmedia
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Two Bangladeshi Arrested In Mumbai: मुंबई की सहार पुलिस ने मुंबई अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर दो बांग्लादेशी नागरिकों को फर्जी पासपोर्ट का इस्तेमाल कर जेददा के रास्ते नॉर्वे जाने की कोशिश करने के आरोप में गिरफ्तार किया है,आरोपियों की पहचान सुब्रतो कालीपद मंडल और मीता गौरपद बिस्वास के रूप में हुई है,जिन्हें इमिग्रेशन जांच के दौरान पकड़ा गया.


सहार पुलिस अधिकारी के अनुसार,दोनों व्यक्ति बांग्लादेश के खुलना और गोपालगंज जिलों के रहने वाले हैं, कथित तौर पर वे छह साल पहले पश्चिम बंगाल के रास्ते अवैध रूप से भारत में दाखिल हुए थे और तब से कोलकाता में रह रहे थे,अपने प्रवास के दौरान, दोनों ने 2024 में जाली दस्तावेजों का उपयोग करके अपने और अपने बच्चे के लिए भारतीय पासपोर्ट हासिल करने में कामयाबी हासिल की.



Mumbai Police arrested two Bangladeshi nationals, Subrato Kalipada Mandal and Mita Gaurapada Biswas, at Mumbai International Airport for attempting to travel to Norway via Jeddah using forged Indian passports. The couple, who entered India illegally around six years ago and have… pic.twitter.com/bxzTueue6W


— IANS (@ians_india) June 3, 2025




2020 में अवैध रूप से भारत में किया था प्रवेश 
पुलिस ने कहा कि 1 जून की रात करीब 12:30 बजे दंपति अपने बच्चे के साथ इमिग्रेशन क्लीयरेंस के लिए मुंबई अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पहुंचे,उन्हें जेददा के लिए 2:30 बजे की फ्लाइट पकड़नी थी,जहां से वे नॉर्वे जाने वाले थे. हालांकि, नियमित जांच के दौरान इमिग्रेशन अधिकारी उमेश दत्तात्रेय निंबालकर को उनके पासपोर्ट पर संदेह हुआ,वरिष्ठ इमिग्रेशन अधिकारियों द्वारा आगे की पूछताछ के बाद,दंपति ने बांग्लादेशी नागरिक होने की बात कबूल की,जिन्होंने 2020 में अवैध रूप से भारत में प्रवेश किया था. 


 2024 में भारतीय पासपोर्ट प्राप्त करने में रहे सफल
उन्होंने खुलासा किया कि उनका बच्चा 2023 में कोलकाता में पैदा हुआ था और नबोनिता नामक एक एजेंट की मदद से वे 2024 में भारतीय पासपोर्ट प्राप्त करने में सफल रहे, उन्होंने यह भी खुलासा किया कि उन्होंने नॉर्वे के लिए वीजा हासिल कर लिया था और पकड़े जाने पर देश छोड़ने की कोशिश कर रहे थे. 


इमिग्रेशन अधिकारियों के निर्देशों का पालन करते हुए, दोनों ने बांग्लादेश में अपने रिश्तेदारों से संपर्क किया,जिन्होंने उनकी असली पहचान की पुष्टि करने में मदद की, एक बार जब उनके बांग्लादेशी मूल की पुष्टि हो गई, तो इमिग्रेशन अधिकारियों ने उन्हें सहार पुलिस को सौंप दिया. मामले में आगे की जांच चल रही है.


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