Mumbai Police: मुंबई पुलिस की EOW ने रियल एस्टेट कंपनी विवा ग्रुप के एमडी मेहुल ठाकुर और दीपक ठाकुर के खिलाफ 30 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामला दर्ज किया है. ये एक राजनेता के रिश्तेदार बताए जा रहे हैं. सूत्रों ने बताया कि यह एफआईआर पोद्दार ग्रुप के एमडी रोहिताश्व पोद्दार की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई है, जिसमे उन्होंने दावा किया है कि साल 2012 में उन्होंने मेहुल ठाकुर के साथ मिलकर एक संयुक्त कंपनी बनाई थी.
75 एकड़ जमीन की डील की गई थीठाकुर ने निवेश पर तीन गुना रिटर्न देने का वादा किया था और इसी आधार पर वसई-विरार इलाके में 75 एकड़ जमीन की डील की गई थी, जिसकी कुल कीमत लगभग 56 करोड़ रुपये थी.
पोद्दार ने कंपनी में 30 करोड़ का निवेश किया थापोद्दार ने आगे आरोप किया है कि मेहुल ठाकुर ने फर्जी बोर्ड प्रस्ताव बनाकर खुद को कंपनी का एकमात्र अधिकृत सिग्नेटरी घोषित कर दिया और फिर वह 30 करोड़ की रकम किसी और कंपनी में ट्रांसफर कर दी. जब पोद्दार ने इस ट्रांजेक्शन पर सवाल उठाए, तो उन्हें धमकाया गया और पैसे लौटाने से इनकार कर दिया गया.
फाइनांशियल चीटिंग मामले में किया गया था गिरफ्तार आपको बता दें कि मेहुल ठाकुर इससे पहले भी ED की जांच के घेरे में आ चुके हैं. उन्हें 2021 में एक अन्य फाइनांशियल चीटिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था और 2023 में जमानत पर रिहा किया गया था.
पुलिस पैसे की बरामदगी के लिए जांच कर रही हैपोद्दार ने आखिरकार 23 जून को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. उनकी शिकायत के बाद ईओडब्ल्यू ने कहा कि उन्होंने ठाकुर, उनके पिता दीपक ठाकुर और विकास वर्थक और राधाये खानोलकर, जो ठाकुर की कंपनी में निदेशक थे, के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 316 (आपराधिक विश्वासघात), 318 (धोखाधड़ी), 336 (जालसाजी), 338 (मूल्यवान सुरक्षा की जालसाजी) और 34 (जाली दस्तावेजों या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड का उपयोग करना) के तहत मामला दर्ज किया है. पुलिस पैसे की बरामदगी के लिए जांच कर रही है.
मुंबई पुलिस की EOW की कार्रवाई, रियल एस्टेट कंपनी के खिलाफ 30 करोड़ की धोखाधड़ी का मामला दर्ज
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