प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के तहत ‘मीठी नदी डिसिल्टिंग घोटाले’ से जुड़े मामलों में मुंबई में फैले 8 जगहों पर छापेमारी की. यह कार्रवाई बीएमसी से जुड़े ठेकेदारों और एक इंजीनियर के आवासीय और व्यावसायिक परिसरों पर की गई. छापे के दौरान अलग-अलग बैंक खातों, एफडीआर और डिमैट खातों में रखी गई 47 करोड़ से अधिक की संपत्ति फ्रीज की गई.
ईडी की जांच जिन पर केंद्रित रही, उनमें M/s Acute Designs, M/s Kailash Construction Company, M/s Nikhil Construction Co, M/s N A Construction Pvt Ltd, M/s J.R.S Infrastructure और प्रशांत कृष्णा टायशेटे (BMC इंजीनियर) शामिल हैं.
47 करोड़ से अधिक की राशि फ्रीज
ED की कार्रवाई के दौरान कई बैंक अकाउंट्स, फिक्स्ड डिपॉजिट और डिमैट अकाउंट्स में मौजूद 47 करोड़ से अधिक की राशि को फ्रीज किया गया है. इसके साथ ही डिजिटल डिवाइसेज, संपत्ति से जुड़े दस्तावेज और कई आपत्तिजनक कागजात भी जब्त किए गए हैं, जो आगे की जांच में उपयोगी साबित हो सकते हैं.
यह घोटाला बीएमसी के SWD विभाग और कुछ ठेकेदारों की मिलीभगत से जुड़ा है
मीठी नदी की सफाई में कागज़ों पर ही काम दिखाकर घोटाले का आरोप
65 करोड़ से ज्यादा की हेराफेरी करने का आरोप
छापेमारी मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम (PMLA) 2002 के तहत की गई
13 लोगों और कंपनियों पर मामला दर्ज
आजाद मैदान पुलिस स्टेशन में 13 लोगों और कंपनियों पर मामला दर्ज है. जांच में सामने आया कि ठेकेदारों ने फर्जी MoUs और झूठे ग्राम पंचायत NOC दिखाकर मिट्टी फेंकने के लिए जमीन का इस्तेमाल बताया, जो वास्तव में अस्तित्व में ही नहीं थी.
ED की जांच में यह भी सामने आया है कि वर्ष 2021-2022 के टेंडर में सिल्ट पुशर और मल्टीपर्पज़ एंफीबियस पोंटून मशीनों की खरीद और इस्तेमाल में भी बीएमसी अधिकारियों ने पद का दुरुपयोग कर आर्थिक लाभ उठाया.
6 जून को ED ने 18 ठिकानों पर की थी छापेमारी
इससे पहले 6 जून 2025 को ED ने इस मामले में 18 ठिकानों पर छापेमारी की थी. अब तक इस घोटाले से जुड़े 49.8 करोड़ की अवैध संपत्ति (Proceeds of Crime) जब्त या फ्रीज की जा चुकी है. इस मामले में जांच अभी भी जारी है.