मुंबई में पहले टेस्ला शोरूम के उद्घाटन के बाद इस पर राजनीति तेज हो गई है. टेस्ला के इंडिया के कार बाजार में कदम रखने को लेकर उद्धव गुट की नेता और राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने ‘मेक इन इंडिया’ और मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के वादे से पीछे हटने का आरोप लगाते हुए केंद्र सरकार को घेरा.
शिवसेना (UBT) नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, ”कल माननीय मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने टेस्ला शोरूम का उद्घाटन किया. जी हां, टेस्ला मैन्युफैक्चिरंग फैसिलिटी का नहीं, टेस्ला मैन्युफैक्चरिंग यूनिट का नहीं, टेस्ला हब का नहीं, टेस्ला शोरूम का. ये क्या है? यहां इंपोर्टेड कार होंगी वो देश में आएंगी. जनता जो खासकर ये अफोर्ड कर सकते हैं, उन्हें ऑप्शन मिलेगा. हमारे घरेलू मार्केट में काफी अच्छी गाड़ियां हैं. ये कोई नहीं बताएगा कि टेस्ला मॉडल का जो भारत में कीमत होगी वो अमेरिका से दोगुना होगी.”
On Tesla, Taxes and Make In India https://t.co/pCotMDQyRD pic.twitter.com/eLYOBWI1Kv
— Priyanka Chaturvedi🇮🇳 (@priyankac19) July 16, 2025
टेस्ला शोरूम को लेकर प्रियंका चतुर्वेदी का केंद्र पर हमला
उन्होंने केंद्र पर तंज कसते हुए आगे कहा, ”एक तरफ प्रधानमंत्री मेक इन इंडिया (Make In India) की बात कर रहे हैं तो दूसरी तरफ वही Tax incentive दे रहे हैं कि आप आइए इंपोर्टेड गाड़ियां देश में लाइए, न मैन्युफैक्चिरिंग फैसलिटी की जिम्मेदारी लीजिए और न असेंबलिंग की जिम्मेदारी लीजिए और ना मेक इन इंडिया की बात कीजिए और हम आपके लिए टैक्स भी कम कर देंगे. सभी मार्केट से ये महंगी बिकेगी. जनता चाहे खरीद भी ले लेकिन उनको इसमें क्या फायदा मिल रहा है.”
देश को क्या फायदा मिल रहा है- प्रियंका चतुर्वेदी
उन्होंने सवाल उठाते हुए आगे कहा, ”देश को क्या फायदा मिल रहा है. मेड इन इंडिया की जगह मेड इन चाइना से गाड़िया आएंगी. ये जो उद्घाटन हुआ है वो महज डीलरशिप मॉडल है. आप आइए, गाड़ियां देखिए, अगर आपको पसंद है इसे खरीदिए. ना रोजगार के अवसर पैदा हो रहे हैं, ना इको सिस्टम को बढ़ावा मिल रहा है.”
ये सिर्फ दुकान है, मैन्युफैक्चरिंग यूनिट नहीं-प्रियंका चतुर्वेदी
राज्यसभा सांसद ने कहा, ”महाराष्ट्र में जो हमारी कोशिश रही थी कि जब हम टेस्ला से बात कर रहे थे तो मैन्युफैक्चिरिंग जो होना है वो इंडिया में होना है. असेंबलिंग की शुरूआत यहां से होनी है. हम पूरी सुविधा देने को तैयार थे. हाई टैक्स की वजह से वो बार-बार यही कह रहे थे कि ये हमारे लिए संभव नहीं है. ये सिर्फ दुकान है, मैन्युफैक्चरिंग यूनिट नहीं है.”
‘अगर मेरे राज्य को फायदा नहीं तो ये कहां तक ठीक’
उन्होंने आगे कहा, ”सवाल यही है कि अगर मेरे राज्य को फायदा नहीं हो रहा है. नो मैन्युफैक्चरिंग कमिटमेंट, कोई असेंबलिंग कमिटमेंट नहीं, तो ये कहां तक ठीक है, यही एक सवाल है. उम्मीद करती हूं कि जिस तरह से हम मेक इन इंडिया और मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने की बात करते हैं और उस पर जो सवाल उठ रहे हैं, उसका जवाब दिया जाएगा.”