Devender Yadav: दिल्ली में हाल ही में हुई दो अलग-अलग इमारत ढहने की घटनाओं में 5 लोगों की मौत के बाद राजनीति गर्मा गई है. दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने इन हादसों को लेकर सरकारों की जवाबदेही तय करने की मांग की है.
उन्होंने सीलमपुर की जनता मजदूर कॉलोनी में ढही ढाई मंजिला इमारत और आजाद मार्केट में मेट्रो टनल के चलते गिरी जर्जर बिल्डिंग के लिए जिम्मेदार एजेंसियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है. यादव ने इन दोनों हादसों में जान गंवाने वाले लोगों के प्रति गहरा शोक व्यक्त किया और कहा कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का घटनास्थल पर न पहुंचना दिल्ली के नागरिकों के प्रति उनकी असंवेदनशीलता को दर्शाता है.
मुआवजे की मांग पर कांग्रेस का विरोध और सरकार पर सवाल
देवेंद्र यादव ने सीलमपुर हादसे में मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये और घायलों को 2-2 लाख रुपये मुआवजे की मांग की है. साथ ही आजाद मार्केट हादसे में मेट्रो द्वारा दिए गए 5 लाख रुपये के मुआवजे को ‘नाकाफी और असंवेदनशील’ बताया.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री केवल प्रचार में व्यस्त हैं, जबकि दिल्ली के गरीबों की पीड़ा पर उनका कोई ध्यान नहीं है. उन्होंने यह भी याद दिलाया कि मुस्तफाबाद में चार मंजिला इमारत ढहने से 11 लोगों की मौत हुई थी, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई.
बीजेपी और आप पर मिलकर बिल्डर माफिया को संरक्षण देने का आरोप
कांग्रेस नेता ने कहा कि दिल्ली की संकरी कॉलोनियों में बिल्डिंग गिरने की घटनाओं के पीछे बीजेपी की ‘ट्रिपल इंजन सरकार’ की लापरवाही और अनदेखी एवं भ्रष्टाचार में डूबी पूर्ववर्ती आप सरकार जिम्मेदार हैं.
उन्होंने कहा कि मात्र 15 साल पुरानी इमारतों का इस तरह ढह जाना इस बात का संकेत है कि ‘लैंटर माफिया’ का खेल किस कदर मजबूत हो चुका है. उनका कहना है कि निगम खतरनाक इमारतों की पहचान तो करता है, लेकिन जब तक पैसे नहीं मिलते, कोई कार्रवाई नहीं होती. उन्होंने पहाड़गंज, चांदनी चौक समेत कई इलाकों का हवाला देते हुए कहा कि पूरे शहर में जर्जर इमारतें मौत बनकर खड़ी हैं.
निगम के संरक्षण का आरोप
कांग्रेस अध्यक्ष ने सीलमपुर और मुस्तफाबाद जैसे इलाकों में हो रहे अवैध निर्माण को लेकर बीजेपी और आप के विधायकों पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि पिछले 11 वर्षों में इन इलाकों में बड़े पैमाने पर अनाधिकृत निर्माण हुआ है और अब भी बीजेपी शासित एमसीडी और केंद्र सरकार इसे नजरअंदाज कर रही हैं. उन्होंने इसे तानाशाही शासन और भ्रष्टाचार का परिणाम बताया.
बार-बार हो रही मौतें, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं
देवेंद्र यादव यादव ने कहा कि हर साल अधिकारी खतरनाक इमारतों की सूची तो बना देते हैं लेकिन कार्रवाई शून्य रहती है. उन्होंने बीते वर्षों के कई हादसों का जिक्र करते हुए कहा कि जनवरी में बुराड़ी में निर्माणाधीन पांच मंजिला इमारत ढही, जिसमें 5 मौतें हुईं, अप्रैल में मुस्तफाबाद में 11 लोगों की जान चली गई. उनका आरोप है कि पिछले 12 वर्षों में दोनों प्रमुख दलों के विधायकों और पार्षदों ने अनाधिकृत निर्माण को संरक्षण देकर जानलेवा स्थिति पैदा कर दी है.
‘मुख्यमंत्री केवल प्रचार में व्यस्त…’,दिल्ली में बिल्डिंग हादसों पर देवेंद्र यादव ने जांच की मांग
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