UP News: यूपी में कांवड़ यात्रा से पहले हिन्दू संगठनों द्वारा कांवड़ मार्ग पर होटलों और ढाबों पर चेकिंग को लेकर मामला तूल पकड़ गया है. मुज़फ्फरनगर में स्वामी यशवीर महाराज पर सपा नेता और पूर्व सांसद डॉ एसटी हसन ने तीखी प्रतिक्रया दी है. उन्होंने स्वामी पर सवाल उठाते हुए कहा कि स्वामी यशवीर कोई अधिकारी हैं क्या या पुलिस अफसर जो वे होटलों की चेकिंग करेंगे.उन्होंने ऐसे लोगों पर कार्रवाई की मांग की है.
डॉ. हसन ने तल्ख लहजे में कहा कि स्वामी यशवीर महाराज कोई सरकारी अधिकारी हैं? क्या वे पुलिस अफसर हैं? इन्हें होटल और ढाबों की जांच करने का अधिकार किसने दिया? अगर शासन ने नॉनवेज भोजन पर रोक का आदेश जारी किया है, तो यह काम प्रशासन और पुलिस का है. इस तरह की कार्रवाइयां देश का माहौल खराब करेंगी और सामाजिक संघर्ष को जन्म दे सकती हैं.
दो समुदायों के बीच तनाव बढ़ाने की कोशिश
उन्होंने आगे कहा कि हमारा देश हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी के भाईचारे का प्रतीक है. लोग एक-दूसरे से सामान खरीदते हैं और प्यार-मोहब्बत से रहते हैं. लेकिन इस तरह की हरकतों से ऐसा माहौल बनाया जा रहा है कि लोग मुस्लिम दुकानदारों से सामान न लें. अगर ऐसा हुआ तो कल मुस्लिम भी हिंदू दुकानदारों से सामान लेना बंद कर देंगे. यह दो समुदायों के बीच दूरी पैदा करने की कोशिश है.
सामाजिक सौहार्द पर खतरा
डॉ. हसन ने इस कार्रवाई को सामाजिक सौहार्द के लिए खतरा बताया. उन्होंने कहा कि हम हाल ही में बड़ी त्रासदियों से गुजरे हैं. हमारे चारों तरफ बाहरी दुश्मन हैं और हम आपस में ही लड़ते रहें, यह ठीक नहीं. वोट की राजनीति के लिए ऐसी हरकतें देश को कमजोर करेंगी. हमारी मांग है कि इस तरह की गतिविधियों को तुरंत रोका जाए और हिंदू-मुस्लिम एकता को मजबूत किया जाए.
कांवड़ यात्रा और होटल चेकिंग का विवाद
दरअसल मुजफ्फरनगर से हरिद्वार तक कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्वामी यशवीर महाराज और उनके समर्थकों ने होटल और ढाबों की जांच शुरू की है. इस अभियान में कर्मचारियों के आधार कार्ड चेक किए जा रहे हैं और यह सुनिश्चित करने की मांग की जा रही है कि कांवड़ यात्रा के दौरान गैर-शाकाहारी भोजन न परोसा जाए. स्वामी यशवीर ने यह भी कहा कि हरिद्वार में मुस्लिमों द्वारा बनाई गई कांवड़ नहीं खरीदी जानी चाहिए. इस अभियान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने से विवाद और बढ़ गया है.
मुजफ्फरनगर में होटल चेकिंग पर बवाल, सपा नेता बोले- प्रशासन का काम, स्वामी क्यों?
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